नई दिल्ली, 12 अगस्त (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एएस ओका की अध्यक्षता वाली बेंच ने कैश फॉर जॉब मामले में गिरफ्तार तमिलनाडु के पूर्व मंत्री सेंथिल बालाजी की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है।
सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ट्रायल में देरी की वजह पूर्व मंत्री खुद हैं। बालाजी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि बालाजी एक साल से ज्यादा समय से हिरासत में हैं। ट्रायल पूरी होने की निकट भविष्य में कोई संभावना नहीं है। उन्होंने कहा कि आरोप ये लगाया जा रहा है कि आरोपित प्रभावशाली हैं लेकिन आरोपित कोई पद नहीं संभाल रहा है। अभी हाल ही में उनकी सर्जरी हुई है।
बालाजी को 14 जून, 2023 को गिरफ्तार किया गया था। 12 अगस्त, 2023 को बालाजी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गयी थी। तमिलनाडु राज्य परिवहन विभाग में बस कंडक्टरों की नियुक्ति के साथ-साथ ड्राइवरों और जूनियर इंजीनियरों की नियुक्ति में कथित अनियमितता हुई। ये सभी नियुक्तियां 2011 और 2015 के बीच सरकार में परिवहन मंत्री के रूप में बालाजी के कार्यकाल के दौरान की गईं।