मप्रः मुख्यमंत्री ने की बड़ी घोषणा- नगरीय निकायों के निर्वाचित प्रतिनिधियों के मानदेय में होगी 20 प्रतिशत वृद्धि

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भोपाल, 12 अगस्त (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रक्षाबंधन के पावन पर्व पर सभी नगरीय निकायों के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के मानदेय में 20 प्रतिशत वृद्धि की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि अगले महीने से इसका लाभ सभी महापौर, अध्यक्ष, सभापति, उपाध्यक्ष और पार्षदों को मिलेगा। नगर पालिका निगम के महापौर का मानदेय 22 हजार रुपये से बढ़कर 26 हजार 400 रुपये, उपाध्यक्ष का मानदेय 18 हजार से बढ़कर 21 हजार 600 रुपये और पार्षद का मानदेय 12 हजार से बढ़कर 14 हजार 400 रुपये प्रतिमाह हो जाएगा। नगरपालिका अध्यक्ष का मानदेय 6 हजार से बढ़कर प्रतिमाह 7 हजार 200 रुपये, उपाध्यक्षों का मानदेय 4 हजार 800 से बढ़कर 5 हजार 760 रुपये प्रति माह होगा और पार्षद का मानदेय 3 हजार 600 से बढ़कर 4 हजार 320 रुपये प्रतिमाह होगा। नगर परिषद के अध्यक्ष 4 हजार 800 के स्थान पर 5 हजार 760 रुपये, उपाध्यक्ष 4 हजार 200 के स्थान पर 5 हजार 40 रुपये और पार्षद 2 हजार 800 रुपये प्रति माह के स्थान पर 3 हजार 360 रुपये प्रतिमाह प्राप्त करेंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव सोमवार ने यह घोषणा मुख्यमंत्री निवास में रक्षाबंधन की थीम पर आयोजित देवी अहिल्याबाई होल्कर-महिला जनप्रतिनिधि सम्मेलन को संबोधित करते हुए की। उन्होंने इस मौके पर हस्तांतरणीय विकास अधिकार (टीडीआर) वेब एप्लीकेशन का लोकार्पण भी किया और सर्टिफिकेट जनरेशन प्रक्रिया की शुरूआत की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नगरीय निकायों को वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए विशेष प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। करों व शुल्कों के माध्यम से स्वयं की आय में अपने संभाग में सबसे अधिक वृद्धि करने वाली नगर पालिका को 5 करोड़ रुपये तथा नगर परिषद को 2 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष प्रोत्साहन के रूप में दिए जाएंगे। इस राशि का उपयोग पार्षद निधि के रूप में जन-प्रतिनिधियों द्वारा अपनी अनुशंसित अधोसंरचनात्मक कार्यों पर किया जाेगा।

सीसीटीवी परियोजना, महिलाओं के लिए विशेष सिटी बस और पिंक टॉयलेट की होगी व्यवस्था

उन्होंने कहा कि जेंडर बजट तैयार कर माता-बहनों की सुरक्षा व सुविधा के लिए अनुपूरक बजट में विशेष प्रावधान किये जा रहे हैं, जिसके अंतर्गत सीसीटीवी परियोजना, महिलाओं के लिए स्थानीय परिवहन हेतु सिटी बस में विशेष प्रावधान और विशेष पिंक टॉयलेट आदि की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही महिला उद्यमियों के लिए निकायों में प्राथमिकता वाले विशेष प्रावधान और हितग्राही मूलक योजनाओं में महिलाओं का नाम अंकित करना जैसी योजनाओं पर विशेष जोर दिया जा रहा है।

महिला आधारित उद्योगों को प्राथमिकता

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वर्ष-2025 को प्रदेश उद्योग आधारित वर्ष के रूप में मनाने वाला है। अत: लघु-कुटीर उद्योग, महिला स्व-सहायता समूह और एमएसएमई को मिलाकर महिलाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। इसी दिशा में प्रतिमाह रीजनल इन्वेस्टर समिट आयोजित की जा रही है़। अगस्त माह में ग्वालियर, सितंबर में सागर और अक्टूबर में रीवा में इन्वेस्टर समिट होंगी। संपूर्ण प्रदेश में महिला आधारित उद्योगों को प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने कहा कि देवी अहिल्याबाई ने 300 वर्ष पहले महेश्वरी साड़ी उत्पादन की शुरुआत कर स्व-रोजगार की दिशा में प्रभावी कदम उठाया था। इसी प्रकार महिला जनप्रतिनिधि अपने-अपने क्षेत्र में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए सशक्त भूमिका निभाएं।

समाज को जोड़ते हुए मनाया जाए हर घर तिरंगा अभियान

मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने-अपने क्षेत्र में रक्षाबंधन की गतिविधियों के साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आरंभ तिरंगा अभियान में भी हर संभव योगदान दें। यह सुनिश्चित करें कि हर घर पर तिरंगा लगे, यह स्वतंत्रता सेनानियों को वास्तविक श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने कहा कि 14 अगस्त को अखंड भारत दिवस को पूर्ण गरिमा के साथ मनाया जाए। हर जिले में स्थापित पुलिस बैंड को जोड़ते हुए 15 अगस्त पर भव्य और उल्लास पूर्ण कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। प्रदेश में जन्माष्टमी भी धूमधाम से मनाने का प्रबंध किया जाए। जन्माष्टमी पर माता-बहनों और बच्चों पर केंद्रित गतिविधियां और प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएं।

सरकार का सरोकार अपनी संस्कृति के साथ होना चाहिए

उन्होंने कहा कि इंदौर, उज्जैन, भोपाल, जबलपुर ग्वालियर, सतना और रीवा में 24 मीटर से अधिक चौड़ी सड़कों का चौड़ीकरण करने के लिए भूमि अधिग्रहीत करने पर मुआवजा प्रदान किया जाएगा। यह अधिकार विस्तार सभी 16 नगर निगमों में किया जाएगा। नगर निगम को वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रावधान किये जा रहे हैं। इसमें एफएआर की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। नगर निगम को नगरीय विकास के लिए आर्थिक रूप से अधिक सशक्त किया जाएगा। इससे निगम अपनी आय के साधन भी सृजित कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि भारतीय परम्परा में मातृ-सत्ता का स्थान सदैव पूजनीय और महत्वपूर्ण रहा है। सरकार का सरोकार अपनी संस्कृति के साथ होना चाहिए, इसी क्रम में सरकार ने तय किया है कि सभी तीज त्यौहारों के आयोजन में सरकार की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। रक्षाबंधन के उपलक्ष्य में बहनों द्वारा राखी बांधने पर उन्होंने बहनों का आभार माना।

सम्मेलन में नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, सांसद वीडी शर्मा तथा राज्य मंत्री बागरी ने भी संबोधित किया। समारोह में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री संपतिया उईके, राज्य मंत्री प्रतिमा बागरी, भोपाल महापौर मालती राय, विधायक रामेश्वर शर्मा सहित बड़ी संख्या में महिला जन-प्रतिनिधि उपस्थित रहीं।

राखी, श्रृंगार सामग्री व परिधानों के लगे स्टॉल और आलता व मेहंदी की भी थी व्यवस्था

प्रारंभ में मुख्यमंत्री ने कन्या-पूजन और दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने मुख्यमंत्री निवास आईं बहनों का पुष्प-वर्षा कर स्वागत किया, उनसे राखी बंधवाई तथा आशीर्वाद प्राप्त किया। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में पहुंचने पर ढोल-ढमाके और नृत्य के बीच तिलककर उनका स्वागत किया गया। बहनों के लिए जहां एक और राखी, श्रृंगार सामग्री, खाद्य सामग्री, सलवार सूट-साड़ियों के स्टॉल लगाए गए थे, वहीं आलता और मेहंदी लगवाने की भी व्यवस्था थी। मुख्यमंत्री और मंत्री विजयवर्गीय ने प्रत्येक स्टॉल पर जाकर महिला उद्यमियों से चर्चा भी की।