बांग्लादेश के गृह मंत्री ने हिंदू समुदाय से हाथ जोड़कर मांगी माफी, सरकार ने भी किया ये वादा

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बांग्लादेश के नए गृह सलाहकार (गृह मंत्री) सखावत हुसैन ने पर्याप्त सुरक्षा मुहैया नहीं कराने के लिए रविवार को हिंदू समुदाय से माफी मांगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने कहा कि हिंदू अल्पसंख्यकों की रक्षा करना मुस्लिम बहुसंख्यकों का कर्तव्य है। उन्होंने इस जिम्मेदारी में असफलता स्वीकार की. उन्होंने समुदाय को भविष्य की सुरक्षा का आश्वासन दिया और सुधार की उम्मीद जताई। 

इसके अलावा, अंतरिम कैबिनेट ने गुरुवार रात अपने सदस्यों को शपथ दिलाने के बाद रविवार को अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा पर अपना पहला बयान दिया। बयान में कहा गया है कि कुछ जगहों पर धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमलों को गंभीर चिंता के साथ देखा गया है। कैबिनेट ने कहा कि वह ऐसे जघन्य हमलों के समाधान के लिए प्रतिनिधि इकाइयों और अन्य संबंधित समूहों के साथ तत्काल बैठक करेगी। 

सरकार का वादा
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के गृह मामलों के सलाहकार ब्रिगेडियर जनरल (सेवानिवृत्त) सखावत हुसैन ने सोमवार को कहा कि हिंदू समुदाय के आगामी जन्माष्टमी समारोह के दौरान सभी आवश्यक सुरक्षा प्रदान की जाएगी। द डेली स्टार के अनुसार, उन्होंने यह भी कहा कि वह सलाहकार परिषद से बांग्लादेश में समुदाय के सबसे बड़े त्योहार, दुर्गा पूजा के लिए तीन दिवसीय सार्वजनिक अवकाश की भी सिफारिश करेंगे। भगवान श्रीकृष्ण का जन्मदिन इस बार 26 अगस्त को मनाया जाएगा. इसके साथ ही हुसैन ने सोमवार को प्रदर्शनकारियों से 19 अगस्त तक सभी वैध या अवैध हथियार जमा करने को कहा. इसमें हालिया हिंसा के दौरान एजेंसियों से लूटी गई राइफलें भी शामिल हैं। 

अन्यथा कार्रवाई!
द डेली स्टार अखबार की खबर के मुताबिक, हुसैन ने कहा है कि अगर यह हथियार आसपास के पुलिस स्टेशनों में जमा नहीं किया गया तो अधिकारी तलाशी अभियान चलाएंगे और अगर यह किसी के पास पाया गया तो उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा. हुसैन संयुक्त सैन्य अस्पताल में अर्धसैनिक बल बांग्लादेश अंसार के सदस्यों से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से बात कर रहे थे। 

शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद हिंदुओं पर हमले
इधर, पीटीआई के मुताबिक, प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद शेख हसीना के देश छोड़कर भारत आने के बाद बांग्लादेशी हिंदुओं को हिंसा और लूटपाट का सामना करना पड़ रहा है। कई हिंदू मंदिरों, घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की गई है। हिंसा में बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी से जुड़े कम से कम दो हिंदू नेता मारे गए हैं। 

हिंदू समुदाय का विरोध प्रदर्शन
बांग्लादेश की राजधानी ढाका और पूर्वोत्तर बंदरगाह शहर चटगांव में शनिवार को लगातार दूसरे दिन अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के हजारों सदस्य सड़कों पर उतरे और बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने देश भर में मंदिरों, उनके घरों और व्यवसायों पर हमलों के बीच सुरक्षा की मांग की। हिंदू समुदाय के प्रदर्शनकारी अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार करने वालों के खिलाफ मुकदमा चलाने में तेजी लाने के लिए विशेष अदालतों की स्थापना, अल्पसंख्यकों के लिए 10 प्रतिशत संसदीय सीटें, अल्पसंख्यक संरक्षण अधिनियम को लागू करने की मांग कर रहे हैं। 

52 जिलों में उत्पीड़न की 205 घटनाएं
ढाका ट्रिब्यून अखबार के मुताबिक, बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई ओइक्या परिषद, जो अल्पसंख्यकों के अधिकारों की वकालत करने वाला एक प्रमुख संगठन है, के मुख्य सलाहकार डॉ. मुहम्मद यूनुस ने एक खुला पत्र लिखा है जिसमें 5 अगस्त को शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद से 52 जिलों में उत्पीड़न की 205 घटनाओं का विवरण दिया गया है।