भगदड़ मंदिर में: मंदिर में पूजा के दौरान भगदड़, 7 श्रद्धालुओं की मौत, कई घायल

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सिद्धेश्वर नाथ मंदिर में भगदड़: सावन के चौथे सोमवार को बिहार के जहानाबाद में शरणी मेले के दौरान बड़ा हादसा हो गया. सिद्धेश्वरनाथ मंदिर में मची भगदड़ में 7 कौवों की मौत हो गई है. इस हादसे में 12 से ज्यादा तीर्थयात्री घायल हो गए हैं. घटना रविवार रात करीब एक बजे की है. सावन का चौथा सोमवार होने के कारण भीड़ काफी अधिक थी. पहाड़ी पर चढ़ते समय बार-बार सीढ़ियों पर भगदड़ मच रही थी. इसके बाद अफरा-तफरी का माहौल हो गया.

श्रद्धालु अपनी जान बचाने के लिए भागने लगे और दब गये. इसमें 7 श्रद्धालुओं की मौत हो गई. घटना की सूचना मिलते ही प्रशासनिक टीम मौके पर पहुंची और राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया. जहानाबाद की डीएम अलंकृता पांडे ने कहा, ‘भगदड़ में कम से कम सात लोगों की मौत हो गई और नौ घायल हो गए. हम हर चीज पर नजर रख रहे हैं और स्थिति अब नियंत्रण में है. 

घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची. तुरंत राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया गया. दरअसल, सावन के महीने में बाबा सिद्धेश्वर नाथ मंदिर में जल चढ़ाने के लिए भारी भीड़ लगती है. सोमवार को भीड़ बढ़ जाती है. इसे देखते हुए रविवार की रात से ही जल चढ़ाने के लिए लोगों की भीड़ पहुंचने लगी.

इस मामले को लेकर एसडीओ विकास कुमार ने कहा कि वे कुछ देर बाद इस बारे में आधिकारिक तौर पर बात करेंगे. क्या सुरक्षा की कमी थी? इस पर उन्होंने कहा कि रविवार रात को ज्यादा भीड़ होती है. तीन सोमवार के बाद यह चौथा सोमवार था। इसे देखते हुए हम सतर्क हो गये. यह उसी तरह किया गया जैसे सिविल, मजिस्ट्रेट और मेडिकल टीमें तैनात की जाती हैं। यह एक दुखद घटना है. हम पहले अगली प्रक्रिया कर रहे हैं.

मृतक के परिवार का कहना है कि इस घटना में करीब 50 लोगों की मौत हो गई है. यह बात दर्शन करने आए श्रद्धालु कह रहे हैं। लोग मनमानी कर रहे थे. जिसके कारण मची भगदड़ में कई लोगों की मौत हो गई है. 

अगर प्रशासन की गाड़ी होती तो जान बचायी जा सकती थी. लापरवाही हुई है. घटना रात 11:30 से 12 बजे के बीच की है. लोग रात 2 बजे से ही अस्पताल में मौजूद हैं. मखदूमपुर में कहा गया कि तत्काल पोस्टमार्टम कराया जायेगा. एक बच्चे की मां की मौत हो चुकी है. चार शवों को एंबुलेंस से भेजा जा रहा है. कुछ शवों को ठिकाने लगाया जा रहा है.

मृतक के परिजनों ने बताया कि ये लोग नीचे उतर रहे थे और दूसरी तरफ से भी लोग चढ़ रहे थे. अराजकता फैल गई. प्रशासन ने अधिक लाठीचार्ज किया. जिसके कारण यह घटना घटी है. 35 लोगों की जान जरूर चली गई.