Valley Of Hell : दुनियाभर में कई ऐसी जगहें हैं जो रहस्यों से भरी हुई हैं। पर्यटक इनमें से कुछ स्थानों पर जा सकते हैं और कुछ में नहीं। लेकिन आज हम आपको दो ऐसी जगहों के बारे में बताएंगे, जिन्हें नर्क का दरवाजा कहा जाता है। क्या आप जानते हैं नरक का द्वार कहाँ है और इसे नरक का द्वार क्यों कहा जाता है?
नर्क का द्वार
जापान की गिनती दुनिया के सबसे अच्छे देशों में होती है। आज जापानी तकनीक कई मामलों में सबसे आगे है। लेकिन जापान में एक ऐसी जगह है जिसे वैली ऑफ हेल के नाम से जाना जाता है। इस नारकीय घाटी को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं।
टोक्यो में हेल्स वैली
राजधानी टोक्यो से लगभग पांच सौ किलोमीटर दूर जापान का नागानो नामक राज्य है। नर्क की घाटी नागानो में ही स्थित है। देश की प्रसिद्ध युकोयू नदी के तट पर स्थित यह नारकीय घाटी जिगोकुदानी मंकी पार्क को घेरे हुए है, जहां सर्दियों के महीनों के दौरान बर्फ गिरती है। इस दौरान वहां इंसान नहीं रह सकते, सिर्फ बंदर रहते हैं।
नरक की घाटी
आपको बता दें कि सितंबर से अप्रैल के महीने में इस बंदर पार्क के चारों तरफ भयानक सर्दी होती है। बर्फीली हवाओं में पेड़ भी कांपने लगते हैं। लेकिन इस समय जब इंसानों की तरह सभी पशु-पक्षी यहां से पलायन कर जाते हैं तो यहां के मूल निवासी जो सदियों से यहां रह रहे हैं। वे इस जगह से भागते नहीं हैं. आपको बता दें कि ये निवासी वही बंदर हैं, जिनके नाम पर इसे मंकी पार्क कहा जाता है।
यमन में नरक का द्वार
यमन के बरहुत में एक रहस्यमयी कुआं है, जिसे नर्क का दरवाजा कहा जाता है। आपको बता दें कि बरहुत के कुएं से कई पौराणिक कहानियां जुड़ी हुई हैं. ऐसा कहा जाता है कि भगवान को यह जगह सबसे ज्यादा नापसंद है। यमन की रेगिस्तानी घाटी में मौजूद इस कुएं की चौड़ाई 30 मीटर है, इसकी गहराई आज तक कोई नहीं माप पाया है. लेकिन एक अनुमान के मुताबिक यह 100 से 250 मीटर तक गहरा हो सकता है.
आज तक किसी ने अंदर घुसने की कोशिश नहीं की. यहां तक कि यमनी वैज्ञानिक और शोधकर्ता भी इसकी तह तक नहीं पहुंच पाए हैं। आपको बता दें कि जब भी ऐसा करने की कोशिश की गई है, तो कम ऑक्सीजन और कुएं से निकलने वाली अजीब गंध के कारण उन्हें सतह पर लौटना पड़ा है।