एमएस धोनी के खिलाफ शिकायत: भारतीय टीम के पूर्व कप्तान एमएस धोनी गलत कारणों से सुर्खियों में आ गए हैं। दरअसल, महेंद्र सिंह धोनी के खिलाफ बी.सी.सी.आई. अधिकारी के पास ‘हितों के टकराव’ की शिकायत दर्ज कराई गई है. यह शिकायत बीसीसीआई के नियम 39 के तहत बोर्ड की एथिक्स कमेटी के पास दर्ज कराई गई है.
क्या है पूरा मामला?
उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले के रहने वाले राजेश कुमार मौर्य ने यह शिकायत दर्ज कराई है. यह शिकायत भारतीय क्रिकेटर एमएस धोनी द्वारा मिहिर दिवाकर नामक व्यक्ति के खिलाफ रांची की एक सिविल कोर्ट में दायर 15 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले से संबंधित है। बीसीसीआई की एथिक्स कमेटी ने इस संबंध में धोनी से 30 अगस्त तक जवाब देने को कहा है. इसके अलावा राजेश कुमार मौर्य को भी 16 सितंबर तक जवाब देने को कहा गया है.
एमएस धोनी ने मिहिर दिवाकर नाम के शख्स के खिलाफ रांची सिविल कोर्ट में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है. मिहिर दिवाकर के अलावा धोनी के साथ बिजनेस करने वाले सौम्या दास और अर्का स्पोर्ट्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया था. बताया गया कि भारतीय क्रिकेटर के साथ 15 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई है.
20 मार्च, 2024 को हुई सुनवाई में, रांची सिविल कोर्ट ने मामले को बरकरार रखा, जिसके कारण मिहिर दिवाकर, सौम्या दास और अर्का स्पोर्ट्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड को समन जारी किया गया। खास तौर पर मिहिर दिवाकर पर धोनी ने समझौते का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था. समझौता वर्ष 2021 में समाप्त हो गया, फिर भी मिहिर दिवाकर की कंपनी (अर्का स्पोर्ट्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड) ने उनके नाम का उपयोग जारी रखा।
इस संबंध में धोनी के वकील दयानंद सिंह ने दलील दी है कि मिहिर की कंपनी ने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई अकादमियां खोली हैं, लेकिन इसके बावजूद धोनी को मुनाफे में कोई हिस्सा नहीं दिया गया है. बताया गया कि इससे धोनी को करीब 15 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.