स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) सदस्य महिला की सालाना आय एक लाख: मोदी सरकार की लखपति दीदी योजना एक ऐसी योजना है जिसके तहत महिलाओं को बिना ब्याज के लोन दिया जाता है। यह लोन पूरी तरह से ब्याज मुक्त है और इसकी सीमा 1 लाख रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक हो सकती है। सरकार महिलाओं में आर्थिक सशक्तिकरण और वित्तीय स्वतंत्रता पैदा करने और स्थापित करने की कोशिश कर रही है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए बस एक शर्त है, वो ये कि यह लोन सिर्फ उन्हीं महिलाओं को मिलेगा जो स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) की सदस्य हैं।
पिछले साल इस योजना के तहत लाभ लेने वाली महिलाओं की संख्या का लक्ष्य 2 करोड़ रखा गया था, लेकिन इस साल अंतरिम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस संख्या को 2 करोड़ से बढ़ाकर 3 करोड़ करने का ऐलान किया है। चूंकि यहां महिला या महिला की वजह से परिवार की कुल आय को बढ़ाकर एक लाख रुपये करने का प्रयास किया जा रहा है, इसलिए इसका नाम लखपति दीदी योजना रखा गया।
स्वयं सहायता समूह क्या हैं – ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं के छोटे-छोटे समूह मिलकर पैसे बचाते हैं और एक-दूसरे को ऋण देते हैं। दिसंबर 2023 में जारी दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) के आंकड़ों का हवाला देते हुए डाउन टू अर्थ की रिपोर्ट बताती है कि भारत में 90 लाख SHG हैं, जिनमें लगभग 100 मिलियन महिला सदस्य हैं। इसकी शुरुआत 1970 के दशक में कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में हुई थी। गुजरात में स्वरोजगार महिला संघ (SEWA) सबसे ज्यादा चर्चा में रहा।
लखपति दीदी योजना के तहत दरअसल कम से कम चार कृषि मौसम या कारोबारी चक्रों के लिए सालाना एक लाख रुपये की आय की गणना की जाती है. और, जिनकी औसत मासिक आय दस हजार रुपये से ज्यादा है, उनके लिए आय की स्थिरता के कारण यह गणना रखी गई है. इस योजना को सरकार का ग्रामीण मंत्रालय लागू करता है. व्यवसायिक प्रशिक्षण देना, सामान को बाजार तक पहुंचाना, जरूरी कौशल और प्रशिक्षण प्रदान करना ये सब इस योजना के तहत संभव है. इसके बारे में ज्यादा जानकारी के लिए आप इस पते पर लॉगइन कर सकते हैं- https://lakhpatididi.gov.in/ मुर्गी पालन, एलईडी बल्ब निर्माण, खेती, मशरूम की खेती, स्ट्रॉबेरी की खेती, पशुपालन, दूध उत्पादन, हस्तशिल्प कार्य, बकरी पालन और टेक होम राशन प्लांट जैसे कामों के लिए इस लोन का लाभ उठाया जा सकता है.