अजमेर, 8 अगस्त(हि.स.)। देश भर में बहुचर्चित अश्लील छायाचित्र ब्लैकमेल कांड के 6 आरोपियों पर अजमेर की पोक्सो प्रकरण की विशिष्ट अदालत संख्या दो ने फैसला 20 अगस्त तक सुरक्षित रख लिया है। आरोपी नफीस चिश्ती, नसीम उर्फ टार्जन, सलीम चिश्ती, इकबाल भाटी, सोहिल गनी , और सैयद जमीर हुसैन पर पॉक्सो कोर्ट के द्वारा फैसला गुरुवार को फैसला सुनाया जाना सुनिश्चित था किन्तु आरोपियों में से एक इकबाल भाटी के अदालत में हाजिर नहीं हो पाने के कारण न्यायाधीश ने निर्णय 20 अगस्त को सुनाए जाने की तारीख दी।
उल्लेखनीय है कि इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 104 गवाह और 245 दस्तावेज पेश किए गए हैं। पूर्व में इस मामले में 9 आरोपियों को अजमेर सेशन कोर्ट उम्र कैद की सजा सुना चुकी है, जबकि एक आरोपी आत्महत्या कर चुका है। एक आरोपी अलमास महाराज फरार है। उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी है।
सहायक निदेशक अभियोजन वीरेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि लंबित 6 आरोपियों आरोपी नफीस चिश्ती, नसीम उर्फ टार्जन, सलीम चिश्ती, इकबाल भाटी, सोहिल गनी, और सैयद जमीर हुसैन के खिलाफ कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है। गुरुवार को कोर्ट में फैसला आना था लेकिन आरोपी इकबाल भाटी के स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के कारण वह कोर्ट में नहीं पहुंचा था। जिसके कारण न्यायाधीश के द्वारा मामले में 20 अगस्त को फैसला सुनाने की तारीख दी है। सभी 6 आरोपियों पर 2002 से केस चला था। यह इससे पहले फरार चल रहे थे। इन सभी 6 आरोपियों पर चार्जशीट 23 जून 2001 को पेश हुई थी।
गौरतलब है कि वर्ष 1992 में इस प्रकरण के उजागर होने के बाद उपरोक्त छह आरोपियों के साथ जिन नौ आरोपियों को चिन्हित किया था उनमें फारूक चिश्ती, अनवर चिश्ती, परवेज अंसारी, पुत्तन इलाहाबादी, इशरत उर्फ लल्ली, महेश लुधानी, कैलाश सोनी, हरीश तोलानी व शम्सु भिश्ती उर्फ मेराडोना शामिल हैं। सभी को अजमेर की गंज थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज होने के बाद गिरफ्तार किया था इन्हें सेशन न्यायाधीश ने दंडित किया था।
इस दौरान गिरफ्तार हुए पुत्तन इलाहाबादी का रिश्तेदार इलाहबाद निवासी नसीम उफ टार्जन जमानत पर रिहा होने के बाद फरार हो गया था जो बाद में पकड़ा गया और विचारण न्यायालय ने उसके खिलाफ अलग से सुनवाई करना शुरू किया। वर्तमान में भी टारजन के खिलाफ सुनवाई जारी है।
आरोपियों में सलीम चिश्ती को पुलिस ने खुफिया सूचना के आधार पर दरगाह क्षेत्र से गिरफ्तार किया था जबकि जमील चिश्ती को अदालत ने अग्रिम जमानत मिली थी। आरोपी में ब्लैकमेल काण्ड के सरगना कहे जाने वाले नफीस चिश्ती को फरारी के दौरान दिल्ली धौला कुआं पुलिस चौकी के सिपाहियों ने महिला के वेश में बुर्का पहनकर बस में सफर करने के आरोप में पकड़ा था। इसके बाद मुंबई निवासी इकबाल भाटी को पकड़ा और करीब 29 साल की फरारी काटने के बाद सोहेल गनी ने एडवोकेट गुलजीत सिंह छाबड़ा के जरिए अदालत में समर्पण किया था।
इस बहुचर्चित मामले में एक आरोपी अलमास महारा मफरूर घोषित है हालांकि उसके अमेरिका में होने की सूचना बताई जाती है उसके खिलाफ रेड कार्नर वारंट भी जारी हो चुका है। भविष्य में उसके भारत आने पर पकड़े जाने की संभावना है।
आरोपियों के वकील भरत शर्मा व अजय प्रताप वर्मा के अनुसार सभी पक्षों की ओर से अंतिम बहस पूरी हो चुकी है। अदालत ने प्रकरण के लंबित आरोपियों का फैसला करने की अब 20 अगस्त तारीख तय की है।