भारतीय रिजर्व बैंक ने आज मौद्रिक नीति में डिजिटल ऐप लोन को लेकर भी बड़ा ऐलान किया है. रिज़र्व बैंक ने ऐप्स के माध्यम से ऋण प्रदान करने वाले फर्जी डिजिटल ऋण प्लेटफार्मों से निपटने के लिए एक सार्वजनिक भंडार बनाने का प्रस्ताव दिया है। डिजिटल लोन ऐप्स की उचित निगरानी सुनिश्चित करने के लिए इस नियामक संस्था को आरबीआई को अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी।
इसके अलावा यूपीआई आधारित कर भुगतान लेनदेन की सीमा भी 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये प्रति लेनदेन कर दी गई है। इसके अलावा आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि होम लोन कंपनियां नियमों की अनदेखी कर रही हैं और ऐसे में इन नियमों के उल्लंघन को रोकना जरूरी है. मौद्रिक नीति में आरबीआई गवर्नर ने देश के वित्तीय सेक्टर को मजबूत बताया. उन्होंने कहा कि देश का वित्तीय बाजार स्थिर है. हालांकि, उन्होंने बैंकों और एनबीएफसी को बेहतर सुधार के लिए नये उपाय अपनाने की सलाह दी.
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैंकों को अपनी बचत योजनाओं में जमा राशि को और बढ़ाने के लिए नई रणनीति तैयार करने का निर्देश दिया है । उन्होंने कहा कि निवेशक बैंकों में पैसा जमा नहीं करते क्योंकि उनके पास निवेश के अन्य विकल्प होते हैं। ऐसे में बैंकों के लिए जमा सुरक्षित करना चुनौतीपूर्ण हो गया है। ऐसे में बैंकों के खिलाफ तरलता संबंधी दिक्कतें खड़ी हो सकती हैं.