सरकार संपत्ति मालिकों को राहत दे सकती है। सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार रियल एस्टेट में इंडेक्सेशन प्रस्ताव में संशोधन करेगी और इस मामले में करदाताओं को विकल्प मिलेंगे। एक संशोधन के तहत सरकार 23 जुलाई 2024 से पहले खरीदी गई संपत्ति का मूल्यांकन पिछले रियल एस्टेट इंडेक्सेशन लाभ के साथ-साथ इंडेक्सेशन के बिना नई कम दर के आधार पर करेगी। इसके बाद जिस पद्धति से टैक्स कम होगा, उसी के आधार पर कर भुगतान स्वीकार किया जाएगा।
इससे पहले मनीकंट्रोल ने खबर दी थी कि केंद्र सरकार प्रॉपर्टी की बिक्री पर इंडेक्सेशन बेनिफिट हटाने के अपने फैसले पर पुनर्विचार कर रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई 2024 को पेश अपने बजट में इंडेक्सेशन बेनिफिट खत्म करने की घोषणा की थी। एक सूत्र ने बताया, ‘ऐसी प्रॉपर्टी जो 23 जुलाई 2025 से पहले हासिल की गई हो, उसके लिए करदाता नई और पुरानी दोनों योजनाओं के तहत अपने टैक्स का आकलन कर सकता है और जो भी रकम कम हो, उसके आधार पर भुगतान कर सकता है।’
यह बदलाव वित्त विधेयक में शामिल किया जा सकता है, जिसे 6 अगस्त को लोकसभा में पेश किया गया था। केंद्रीय बजट 2024 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टैक्स से जुड़ी कई अहम घोषणाएं कीं। इनमें से एक अहम बदलाव रियल एस्टेट ट्रांजैक्शन को लेकर भी था। इन बदलावों में इंडेक्सेशन बेनिफिट को हटाना और LTCG टैक्स को 20% से घटाकर 12.5% करना शामिल था। इंडेक्सेशन के जरिए प्रॉपर्टी की खरीद कीमत को महंगाई के हिसाब से बढ़ाया जाता है।
इससे मुनाफा कम होता है। नतीजतन, कम टैक्स देना पड़ता है। आसान शब्दों में कहें तो इंडेक्सेशन बेनिफिट की वजह से टैक्स देनदारी कम हो जाती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024-25 पेश करते हुए प्रॉपर्टी की बिक्री से इंडेक्सेशन बेनिफिट हटाने के साथ टैक्स घटाकर 12.5 फीसदी करने का ऐलान किया था। इसे लेकर अलग-अलग तबकों में नाराजगी थी।