गोयल ने बिम्सटेक मुक्त व्यापार समझौते पर तेजी से वार्ता का आह्वान किया

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नई दिल्ली, 07 अगस्त (हि.स.)। केंद्रीय वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को कहा कि बिम्सटेक सदस्यों को व्यापार वार्ता के संबंध में सदस्य देशों की प्राथमिकताओं की फिर से जांच करनी चाहिए, ताकि विलंबित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को अंतिम रूप दिया जा सके।

गोयल ने यहां भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा विदेश मंत्रालय, भारत सरकार के साथ साझेदारी में आयोजित बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग (बिम्सटेक) व्यापार शिखर सम्मेलन के उद्घाटन के बाद अपने संबोधन में यह बात कही। उन्‍होंने कहा कि बिम्सटेक का सामूहिक रूप से भविष्य उज्ज्वल है। उन्हाेंने कहा कि यह भारत के लिए प्राथमिकता वाला क्षेत्र है।

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री गोयल ने कहा कि बिम्सटेक एफटीए की वास्तविक संभावनाओं की जांच करने के लिए सभी सदस्य देशों के व्यापारिक समुदायों की सिफारिशों की प्रतीक्षा है। उन्हाेंने कहा कि सदस्य देशों, व्यापार जगत के नेताओं को प्रस्तावित एफटीए के संबंध में प्राथमिकताओं का पुनर्मूल्यांकन करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सदस्यों को ऐसी ठोस सिफारिशें करने की आवश्‍यकता है, जो सभी सात देशों को स्वीकार्य हों।

बिम्सटेक देश आपूर्ति श्रृंखलाओं, ई-कॉमर्स, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना और खाद्य सुरक्षा में साझेदारी पर ध्यान केंद्रित करेंगे।

गोयल ने बांग्लादेश में घटनाक्रम पर चिंता व्यक्त की और सुचारु सत्ता परिवर्तन की उम्मीद जताई। उन्हाेंने बिम्सटेक सदस्यों से मौजूदा व्यापारिक संबंधों पर आत्मनिरीक्षण करने का आह्वान करते हुए कहा कि बिम्सटेक देशों के बीच व्यापार छोटा है। इसकी पूरी क्षमता हासिल करने से पहले हमें एक लंबा रास्ता तय करना है।

उल्‍लेखनीय है कि यह एक क्षेत्रीय बहुपक्षीय संगठन है। बंगाल की खाड़ी के तटवर्ती और समीपवर्ती क्षेत्रों में स्थित इसके सदस्य हैं, जो क्षेत्रीय एकता का प्रतीक हैं। इसके 7 सदस्यों में से 5 दक्षिण एशिया से हैं, जिनमें बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल और श्रीलंका शामिल हैं, जबकि अन्‍य दो सदस्‍य म्यांमार और थाईलैंड दक्षिण-पूर्व एशिया से हैं।