नई दिल्ली, 06 अगस्त (हि.स.)। दिल्ली हाई कोर्ट ने 2021 में गणेश चतुर्थी का आयोजन करने पर आम आदमी पार्टी की मान्यता खत्म करने की मांग पर कोई भी आदेश देने से इनकार कर दिया है। कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि किसी पार्टी की मान्यता खत्म करना एक गंभीर मामला है और उसे इस तरह नहीं किया जा सकता है।
हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि कई सरकारें विभिन्न धार्मिक आयोजनों में नागरिकों को संदेश देते हुए विज्ञापन जारी करती हैं। ऐसे में क्या संविधान में धर्मनिरपेक्षता का हवाला देकर कहेंगे कि ये संविधान का उल्लंघन है। हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार किसी से ये नहीं कह रही है कि आप हिंदू धर्म अपना लें या बौद्ध धर्म अपना लें। राज्य सरकार केवल ये कह रही है कि आप त्यौहार मनाएं। एफआईआर दर्ज करने की मांग पर हाईकोर्ट ने कहा कि जनहित याचिका दायर करने से बेहतर है कि आप एफआईआर दर्ज करने के लिए दूसरा उचित कदम उठाएं।
याचिका वकील मनोहर लाल शर्मा ने दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि आम आदमी पार्टी की ओर से गणेश चतुर्थी का आयोजन करना संविधान के धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत का उल्लंघन है।
बतादें कि मनोहर लाल शर्मा की याचिका पर 20 सितंबर 2021 को हाई कोर्ट ने केंद्र, दिल्ली सरकार और निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी किया था। याचिका में कहा गया है कि भारत धर्मनिरपेक्ष देश है और कोई भी सरकार कोई धार्मिक आयोजन नहीं कर सकती है। याचिका में एसआर बोम्मई के फैसले का जिक्र किया गया है। याचिका में कहा गया है कि दिल्ली सरकार ने 2021 में गणेश पूजा का आयोजन और उसका प्रसारण किया। यह आयोजन दिल्ली सरकार और आम आदमी पार्टी की ओर से संयुक्त रूप से किया गया। ऐसा करना संविधान का खुला उल्लंघन है। याचिका में आम आदमी पार्टी की राजनीतिक पार्टी के रूप में मान्यता रद्द करने की मांग की गई है।