कांग्रेस विधायक भाकर विधानसभा के बजट सत्र से निलंबित, सदन में मार्शलों से धक्का-मुक्की

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जयपुर, 5 अगस्त (हि.स.)। कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर को विधानसभा के बजट सत्र की शेष कार्यवाही से निलंबित करने के विराेध में साेमवार काे राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस विधायकाें ने हंगामा किया। भाकर पर सोमवार को सदन में हंगामे के दौरान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी की तरफ गलत इशारे करके दुर्व्यवहार करने का आरोप है। भाकर को निलंबन के बाद मार्शल बुलाकर जब बाहर निकाला जा रहा था, इसी दाैरान कांग्रेस विधायकों ने घेरा बना लिया। इसके बाद मार्शल और कांग्रेस विधायकों के बीच धक्का-मुक्की तथा हाथापाई हो गई। इसके बाद सदन की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दी गई।

विधानसभा में मार्शलों और कांग्रेस विधायकों की धक्का-मुक्की में वरिष्ठ विधायक ​हरिमोहन शर्मा जमीन पर गिर गए। कई और विधायक भी गिर गए। विधायक अनिता जाटव की मार्शलों से धक्का-मुक्की में चूड़ियां टूट गईं। कांग्रेस विधायक सदन में धरने पर बैठे हैं। इससे पहले सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने भाकर के निलंबन का प्रस्ताव पेश किया, जिसे पारित करवा दिया। प्रस्ताव पारित होते ही विधानसभा अध्यक्ष ने मार्शल को भाकर को सदन से निकालने का आदेश दिया। इसके बाद सदन की कार्यवाही को आधे घंटे के लिए तीन बजकर 29 मिनट तक के लिए स्थगित कर दी। साढ़े तीन बजे कार्यवाही आधे घंटे के लिए फिर स्थगित कर दी गई थी। देवनानी ने कहा कि सदन चले या न चले, लेकिन इस तरह का बर्ताव बर्दाश्त नहीं होगा।

विधानसभा में हुई घटना को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा पर निशाना साधा है। गहलोत ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा- पहले विधानसभा में कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर का निलंबन और जबरन निष्कासन। फिर मार्शलों की ओर से वरिष्ठ विधायक हरिमोहन शर्मा को जमीन पर गिराना और महिला विधायक अनिता जाटव से बदसलूकी कर उनकी चूड़ियां तक तोड़ देने की मैं कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। यह राज्य की भाजपा सरकार की तानाशाही सोच का नतीजा है, जिसके कारण चुने हुए जनप्रतिनिधियों के साथ ऐसा दुर्व्यवहार किया गया। विधानसभा में मार्शलों से धक्का-मुक्की के बाद कांग्रेस विधायक सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद भी धरने पर बैठे हैं। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि हम रात भर धरना देंगे।

विधानसभा में लंच ब्रेक के बाद जमकर हंगामा हुआ। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और विधानसभा अध्यक्ष के बीच नोकझोंक हो गई। जूली ने कहा कि एक जुलाई से भारतीय न्याय संहिता लागू हो चुकी है, लेकिन सरकार ने 12 से ज्यादा सरकारी वकीलों की नियुक्ति सीआरपीसी के तहत कर दी है। ये संविधान का उल्लंघन है। इस पर सदन में चर्चा हो। मंत्री के बेटे को भी सरकारी वकील बना दिया है। देवनानी ने इस मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष को आगे अनुमति देने से इनकार कर दिया। कहा कि पहले लिखित में दीजिए, आप कौनसे नियम के तहत इस पर चर्चा कराना चाहते हैं। इस मामले में नेता प्रतिपक्ष की अध्यक्ष से नोकझोंक हो गई। इसके बाद नाराज कांग्रेस विधायकों ने वेल में आकर नारेबाजी शुरू कर दी। अध्यक्ष ने कहा कि नियमों में आइए, कल व्यवस्था दूंगा।