बर्खास्त ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर ने अग्रिम जमानत के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

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नई दिल्ली, 05 अगस्त (हि.स.)। महाराष्ट्र की बर्खास्त ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर ने अग्रिम जमानत के लिए दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। पूजा खेडकर ने पटियाला हाउस कोर्ट की ओर से अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी है।

पटियाला हाउस कोर्ट ने 01 अगस्त को पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। एडिशनल सेशंस जज देवेन्द्र कुमार जांगला ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने का आदेश दिया था। पटियाला हाउस कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान पूजा खेडकर की ओर से पेश वकील बीना माधवन ने कहा था कि इस मामले में शिकायत यूपीएससी की तरफ से की गई है, जिसमें जालसाजी, धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है। उन्होंने कहा था कि पूजा के गिरफ्तार होने का खतरा है। माधवन ने कहा था कि पूजा खेडकर एक प्रोबेशनरी अधिकारी हैं, जिसकी वजह से नियमों के मुताबिक उसे कुछ अधिकार हासिल है।

माधवन ने यूपीएससी की शिकायत पढ़ी थी जिसमें कहा गया था कि खेडकर ने अपना नाम बदल कर यूपीएससी की परीक्षा में तय सीमा से अधिक अटेम्प्ट हासिल किए। यूपीएससी का कहना है कि उन्हें पूजा के खिलाफ कई शिकायतें मिलीं लेकिन पूजा ने कोई जानकारी नहीं छिपाई है। जहां तक ज्यादा अटेम्प्ट की बात है उन्होंने भूलवश संख्या गलत बताई। माधवन ने पूजा खेडकर का विकलांगता प्रमाण पत्र अदालत के सामने रखते हुए बताया था कि यह सर्टिफिकेट आठ डॉक्टरों द्वारा बनाया गया है, जो एम्स का बोर्ड है। माधवन ने कहा था कि पूजा खेडकर के माता-पिता का तलाक हो चुका है। वह एक दिव्यांग है और उसे उसी व्यवस्था ने विकलांग बना दिया है, जिसका काम उसकी रक्षा करना था। उन्होंने सवाल उठाया था कि उसके खिलाफ यह सब क्यों किया जा रहा है, क्योंकि वह एक महिला है क्योंकि वह दिव्यांग है।

दरअसल, कुछ दिन पहले 2023 बैच की ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर पर सत्ता के दुरुपयोग और फर्जी सर्टिफिकेट के जरिए आरक्षण का लाभ लेने जैसे कई आरोप लगे थे। इन आरोपों के बाद केंद्र सरकार ने पूजा खेडकर के खिलाफ सभी आरोपों की जांच के लिए एक सदस्यीय पैनल का गठन किया था। एक सदस्यीय पैनल ने 27 जुलाई को अपनी जांच रिपोर्ट कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग को सौंप दी थी। पूजा खेडकर पर आरोप है कि उसने यूपीएससी परीक्षा में बैठने से पहले खुद को ओबीसी श्रेणी का बताते हुए एक फर्जी प्रमाणपत्र जमा किया था। पूजा खेडकर पर आरोप है कि जाति आरक्षण का लाभ लेने के लिए घुमंतु जनजाति-3 श्रेणी के तहत भर्ती किया गया था, जो केवल बंजारी समुदाय के लिए आरक्षित है। पूजा खेडकर पर ये भी आरोप है कि उन्होंने फर्जी विकलांगता प्रमाणपत्र के लिए आवेदन किया था।

पूजा खेडकर प्रोबेशन के दौरान विवादों में घिर गई थीं। कलेक्टर सुहास दिवासे ने खेडकर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। विवाद बढ़ने के बाद पूजा खेडकर पर महाराष्ट्र सरकार ने कार्रवाई करते हुए उनकी ट्रेनिंग पर रोक लगा दिया और पूजा खेडकर को फील्ड पोस्टिंग से हटाकर मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए) में रिपोर्ट करने का आदेश दिया गया लेकिन वो तय समय पर एलबीएसएनएए नहीं पहुंचीं। 18 जुलाई को पुलिस ने पूजा खेडकर की मां को गिरफ्तार किया था। पूजा खेडकर की मां का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वह मुलशी में कुछ किसानों को उनकी जमीन हड़पने के लिए पिस्तौल से धमकाती नजर आ रही थीं। इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। पूजा खेडकर को यूपीएससी ने बर्खास्त कर दिया है।