पड़ोसी देश बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाफ छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी है. हालात बिगड़ने पर रविवार शाम छह बजे के बाद कर्फ्यू लगा दिया गया है. बांग्लादेश में हिंसा में अब तक 300 लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि, इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है. प्रदर्शनकारी आज राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए ढाका तक मार्च निकालने की योजना बना रहे हैं। देशभर में मोबाइल इंटरनेट फिलहाल बंद कर दिया गया है. पुलिस, अर्धसैनिक बल, सेना तैनात कर दी गई है.
कितनी मौतें?
जानकारी के मुताबिक बांग्लादेश के फानी में हुई हिंसा में पांच लोगों की मौत हो गई. इसके अलावा सिराजगंज में चार, मुंशीगज में तीन, बोगुरा में तीन, मगुरा में तीन, भोला में तीन, रंगपुर में तीन, पबना में दो, सिलहट में दो, कोमिला में एक, जयपुरहा में एक, ढाका में एक और बरिसल में एक.
300 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, बांग्लादेश में आरक्षण विरोध के दौरान फैली हिंसा में अब तक 14 पुलिसकर्मी मारे गए हैं. इनमें से 13 की मौत सिराजगंज के इनायतपुर थाने में हुई है. इसके अलावा 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं.
क्या है पूरा मामला?
गौरतलब है कि हाल ही में बांग्लादेश में पुलिस और छात्रों के प्रदर्शन के बीच हिंसक झड़पें हुई हैं. प्रदर्शनकारी विवादास्पद आरक्षण व्यवस्था को ख़त्म करने की मांग कर रहे हैं. इसके अलावा 30 फीसदी सरकारी नौकरियां उन स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों के लिए आरक्षित की गई हैं, जिन्होंने साल 1971 में बांग्लादेश के लिए आजादी की लड़ाई लड़ी थी.
भारत ने अपने नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी
इससे पहले भारत ने बांग्लादेश में रहने वाले अपने नागरिकों से संपर्क में रहने और सतर्क रहने को कहा है। बांग्लादेश में भारतीय उच्चायोग द्वारा जारी एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा गया है। सिलहट में भारतीय दूतावास के अधिकार क्षेत्र में रहने वाले छात्रों सहित सभी भारतीय नागरिकों से अनुरोध है कि वे इस कार्यालय के संपर्क में रहें और सतर्क रहें। किसी भी आपातकालीन स्थिति में इस नंबर +88-01313076402 पर संपर्क करें।