बांग्लादेश हिंसा: बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों के लिए कोटा प्रणाली को खत्म करने की मांग को लेकर लंबे समय से चल रहा छात्रों का विरोध प्रदर्शन रविवार को हिंसक हो गया। अब तक 14 पुलिसकर्मियों समेत करीब 100 लोगों की जान जा चुकी है. साथ ही बड़ी संख्या में लोग घायल भी हुए हैं. देश के ऐसे हालात देखकर बांग्लादेशी अर्थशास्त्री और नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने चिंता जताई है.
बांग्लादेश विरोध प्रदर्शन पर भारत का टिप्पणी से इनकार
पिछले महीने भारत ने बांग्लादेश में चल रहे विरोध प्रदर्शन पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया था. साथ ही विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने बांग्लादेश में चल रहे विरोध प्रदर्शन पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा, ‘हम इसे बांग्लादेश का घरेलू मामला मानते हैं।’ इसलिए मोहम्मद यूनुस ने भारत की प्रतिक्रिया पर नाराजगी जताई और कहा, ‘बांग्लादेश में यह उथल-पुथल पड़ोसी देशों में भी फैल सकती है.’
‘तुम्हारे भाई के घर में आग लग जाए तो..’
नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘मुझे दुख होता है जब भारत कहता है कि यह घरेलू मामला है. अगर आपके भाई के घर में आग लग जाए तो आप इसे घरेलू मामला कैसे कह सकते हैं? कूटनीति में कई चीजें आती हैं और ये नहीं कहा जा सकता कि ये उनका घरेलू मसला है. 17 करोड़ की आबादी वाले बांग्लादेश में लोग संघर्ष का सामना कर रहे हैं, सरकारी बलों द्वारा युवाओं की हत्या की जा रही है और कानून-व्यवस्था बिगड़ रही है. बांग्लादेश में उथल-पुथल सिर्फ उसकी सीमाओं तक ही सीमित नहीं रहेगी बल्कि इसका असर पड़ोसी देशों पर भी पड़ेगा।’
नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस कौन हैं?
यूनुस ने 1983 में ग्रामीण बैंक की स्थापना की. जिसमें गरीबों को अपना लघु उद्योग शुरू करने के लिए ऋण दिया गया। ताकि बांग्लादेश के लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकाला जा सके. यूनुस को उनके काम के लिए 2006 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
शेख हसीना ने जहां यूनुस पर गरीबों का खून चूसने का आरोप लगाया है, वहीं उनका यह भी कहना है कि यूनुस द्वारा शुरू किए गए ग्रामीण बैंक गरीबों से अत्यधिक ब्याज वसूलते हैं. इसलिए पिछले दिनों यूनुस के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया था.