दूसरे वनडे में टीम इंडिया की करारी हार से कोच गौतम गंभीर का गुस्सा चरम पर है. इस टीम के बड़े खिलाड़ी टी20 चैंपियन हैं, लेकिन वनडे में स्थिति देखिए. उनके मुकाबले श्रीलंकाई खिलाड़ी कुछ भी नहीं हैं. आधे खिलाड़ी घायल हैं और टीम नये लड़कों से भरी है. टीम इंडिया उन लड़कों से शर्मनाक तरीके से हार रही है और क्रिकेट प्रशंसक इस टीम के साथ फरवरी 2025 में चैंपियंस ट्रॉफी जीतने का सपना देख रहे हैं.
टीम इंडिया चैंपियंस ट्रॉफी जीतने का सपना देख रही है, लेकिन श्रीलंका से बुरी तरह हार रही है. पहला मैच जीतने के बाद भी भारतीय टीम बराबरी पर छूटी, इसे हार कहना ही उचित होगा। दूसरे मैच में करारी हार मिली. पता नहीं उस पिच पर हमारे खिलाड़ियों का क्या होगा जहां श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 240 रन बनाए. इसी पिच पर 241 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए टीम इंडिया की हालत खराब हो गई.
18 साल बाद भारतीय टीम को बुरा दिन देखना पड़ा
टीम इंडिया को ये हार श्रीलंका के खिलाफ झेलनी पड़ी है. ये कोई छोटी हार नहीं थी. अब टीम इंडिया चाहकर भी यह सीरीज नहीं जीत सकती. यह सीरीज कुल तीन मैचों की है. जहां पहले मैच में कोई जीत नहीं सका और दूसरा मैच श्रीलंका ने जीत लिया. ऐसे में अगर टीम इंडिया इस सीरीज का आखिरी मैच जीत भी जाती है तो सीरीज 1-1 से बराबर हो जाएगी और आखिरी बार टीम इंडिया साल 2006 में श्रीलंका को वनडे सीरीज में नहीं हरा पाई थी. ऐसे में 18 साल हो जाएंगे जब टीम इंडिया श्रीलंका को किसी भी द्विपक्षीय सीरीज में हरा पाने में नाकाम रही है.
यह अलग बात है कि पिछली बार की तरह इस बार भी श्रीलंका की बल्लेबाजी का बुरा हाल था, पहले मैच में पांच विकेट 110 रन के आसपास गिर गए थे, इस बार छह विकेट 136 रन पर गिर गए, लेकिन इन भारतीयों ने छह के बाद एक भी विकेट नहीं खोया। विकेट तभी गिर पाते हैं जब विरोधी टीम अच्छे स्कोर तक पहुंचती है. इस मैच में भी ऐसा ही हुआ. एक समय श्रीलंका का स्कोर 6 विकेट पर 136 रन था, जिसमें चार बल्लेबाजों ने 100 रन जोड़े, लेकिन लक्ष्य का पीछा करते हुए टीम इंडिया ने अच्छी शुरुआत के बाद बीच के ओवरों में स्पिन गेंदबाज वांडरसे को सरेंडर कर दिया।