मुरैना, 3 अगस्त (हि.स.)।विगत 4 वर्षों से वर्ष में एक बार भगवान शनिदेव की केन्द्रीय दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया निरंतर पूजा कर रहे हैं। आज भी श्री सिंधिया ग्वालियर हवाई अड्डे से सडक़ मार्ग द्वारा दोपहर 1 बजे मुरैना के ऐंती पर्वत स्थित त्रेतायुगीन शनि मंदिर पर पहुंंचे। सिंधिया महल से आये पंडि़तों द्वारा गर्भगृह में पूर्ण विधिविधान से भगवान शनिदेव की पूजा कराई। लगभग 15 मिनट तक श्री सिंधिया ने भगवान शनिदेव की पूजा में लीन रहे। आम श्रद्धालुओं की तरह ही श्री सिंधिया ने गर्भगृह में जमीन पर बैठकर पूजा की। इसके बाद भगवान शनिदेव का तेलाभिषेक कर पूजा पश्चात आरती की।
श्री सिंधिया ने भगवान शनिदेव को ग्वालियर चम्बल संभाग के जन-जन पर आशीर्वाद मांगा। भगवान शनिदेव उनके स्वयं व परिवार को सुख-शांती, समृद्धि प्रदान करें, ऐसी मनोकामना भगवान से की। भगवान शनिदेव की पूजा के बाद श्री सिंधिया ने मंदिर परिसर में स्थित हनुमान जी की भी आराधना की। विगत 4 वर्ष पूर्व राजनैतिक उथल-पुथल के दौरान ही ज्योतिरादित्य सिंधिया भगवान शनिदेव की शरण में पहुंचे। भगवान शनिदेव की पूजा के बाद सिंधिया के राजनैतिक जीवन में स्थिरता के साथ उत्कृष्ट स्थान भी मिला है। भगवान शनिदेव को स्थायित्व व उत्कृष्ट सम्मान प्रदान करने के लिये सर्वाेच्च देव के रूप में माना जाता है। विदित हो कि श्री सिंधिया के पूर्वज परिजनों द्वारा मुरैना के ऐंती पर्वत पर स्थित त्रेतायुगीन भगवान शनिदेव के मंदिर का जीर्णाद्धार कराया था। संभवत: श्री सिंधिया भी निरंतर भगवान शनिदेव की पूजा अर्चना कर यही कामना करते हैं। विगत दिवस भारत सरकार की केबिनेट में अंचल को मिली उपलब्धियों को अपना 4 वर्ष के संघर्ष को सार्थक व सफल बताते हुये देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार एवं धन्यवाद व्यक्त किया।
इस कार्य में सडक़ एवं परिवहन मंत्री नितिन गडक़री के सहयोग की सराहना की। श्री सिंधिया ने कहा कि ग्वालियर चम्बल संभाग पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आशीर्वाद विगत दिवस की केबिनेट की बैठक में जमकर बरसा है। इस बैठक में ग्वालियर से आगरा 6लैन हाइवे के निर्माण की स्वीकृति मिली है। इस पर 4613 करोड़ रूपये की लागत आयेगी। इस हाइवे निर्माण होने से ग्वालियर से आगरा की दूरी लगभग 34 किलोमीटर कम हो जायेगी।
श्री सिंधिया ने बताया कि ढाई से 3 वर्ष में यह परियोजना पूरी हो जायेगी। इसमें 6 फ्लाईओवर, 8 ब्रिज भी निर्मित होंगे। इस मार्ग के निर्मित होने से दिल्ली-ग्वालियर के आवागमन में लगने वाले समय में अत्यधिक कमी आ जायेगी।