ऐसा माना जाता है कि चिकन पॉक्स में कोई भी चीज जल्दी काम नहीं करती है लेकिन शुरू से ही बड़े-बुजुर्ग कहते आए हैं कि नीम के पत्ते बहुत कारगर होते हैं और आज भी लोग बड़े-बुजुर्गों की इस बात पर यकीन करते हैं। आज भी लोग चिकन पॉक्स में नीम के पत्तों का इस्तेमाल बहुत कारगर साबित होता है।
चिकन पॉक्स में नीम के पत्तों का इस्तेमाल महत्वपूर्ण माना जाता है। इसमें एंटीसेप्टिक गुण होते हैं जो चिकन पॉक्स के छालों को संक्रमित होने से बचाते हैं। ये पत्ते छालों को जल्दी सूखने में मदद करते हैं और निशान पड़ने की संभावना को भी कम करते हैं जिससे चिकन पॉक्स ठीक होने के बाद निशान नहीं रह जाते। नीम के पत्तों में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी भरपूर मात्रा में होते हैं जो चिकन पॉक्स के कारण होने वाली खुजली और जलन को कम करते हैं।
कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि नीम में एंटीवायरल गुण भी होते हैं जो वायरस के प्रसार को रोकने में मदद कर सकते हैं। यह त्वचा को ठंडक पहुंचाता है यानी नीम के पत्तों का पेस्ट त्वचा को ठंडक पहुंचाता है और जलन को काफी हद तक कम करने में मदद करता है।
नीम का उपयोग कैसे करें?
नीम का पेस्ट: नीम के पत्तों को पीसकर पेस्ट बनाएं और छालों पर लगाएं
नीम का पानी: नीम के पत्तों को उबालकर पानी बना लें और इस पानी से छालों को धो लें
नीम का तेल: नीम का तेल छालों पर लगाया जा सकता है, लेकिन इसका उपयोग कम मात्रा में ही करना चाहिए
सावधानी :
अगर आपको नीम के पत्तों से एलर्जी है तो इसका प्रयोग न करें
यदि आप गर्भवती हैं या स्तनपान करा रही हैं, तो नीम का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें।
बच्चों पर नीम का प्रयोग करते समय सावधान रहें और इसे सीधे उनकी आँखों में न जाने दें।