NEET पेपर लीक: सत्य की हमेशा जीत होती है, शिक्षा मंत्री का बयान

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लंबे समय से चल रहे NEET UG परीक्षा में गड़बड़ी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया है. इसे लेकर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की प्रतिक्रिया सामने आई है. शिक्षा मंत्री ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा कि एनईईटी-यूजी परीक्षा में कोई व्यवस्थित त्रुटि नहीं थी और इसलिए दूसरी बार परीक्षा आयोजित नहीं करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने सरकार के रुख को सही साबित कर दिया है.

 

 

शिक्षा मंत्री ने इस संबंध में पोस्ट किया कि सरकार कदाचार मुक्त, पारदर्शी और त्रुटि रहित परीक्षा प्रणाली के लिए प्रतिबद्ध है. इसे सुनिश्चित करने के लिए हम जल्द ही विशेषज्ञों की उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को लागू करेंगे। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला विरोधियों द्वारा फैलाई जा रही दुष्प्रचार को पूरी तरह से खारिज करता है. हम न्याय देने और लाखों मेहनती छात्रों के हितों की रक्षा करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय को दिल से धन्यवाद देते हैं। हम माननीय सर्वोच्च न्यायालय के पत्र को सख्ती से लागू करेंगे।

उन्होंने आगे कहा कि झूठ के बादल कुछ देर के लिए सत्य के सूर्य को छिपा सकते हैं, लेकिन सत्य की हमेशा जीत होती है।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

NEET पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया है कि यह सिस्टम की विफलता नहीं है. पेपर लीक का असर हज़ारीबाग़ और पटना तक सीमित है. हमने संरचनात्मक कमियों को दूर कर लिया है। कोर्ट ने कहा कि परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों की पहचान सुनिश्चित करना और पेपर लीक रोकने के लिए भंडारण के लिए एसओपी तैयार करना सरकार और एनटीए की जिम्मेदारी है.

कोर्ट ने एनटीए को ये सलाह दी

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने एनटीए से परीक्षा आयोजित करने का तरीका बदलने को कहा. अदालत ने कहा कि एजेंसी को प्रश्नपत्र तैयार होने से लेकर परीक्षा खत्म होने तक कड़ी जांच सुनिश्चित करनी चाहिए। प्रश्नपत्रों के प्रबंधन आदि की जांच के लिए एसओपी बनाई जाए। कागजात ले जाने के लिए खुले ई-रिक्शा के स्थान पर रियल टाइम लॉक वाले बंद वाहनों का प्रयोग किया जाए। इसके अलावा गोपनीयता कानूनों को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए ताकि किसी भी तरह की अनियमितता को पकड़ा जा सके। डेटा की सुरक्षा के लिए इलेक्ट्रॉनिक फ़िंगरप्रिंट की रिकॉर्डिंग और साइबर सुरक्षा की व्यवस्था करें।

 

 

 

पेपर लीक के पर्याप्त सबूत नहीं: सुप्रीम कोर्ट

पेपर लीक का मामला सिर्फ पटना और हज़ारीबाग़ तक ही सीमित था. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि परीक्षा दोबारा आयोजित नहीं की जाएगी. अदालत ने कहा कि इस बात के पर्याप्त सबूत नहीं हैं कि परीक्षा की पवित्रता भंग हुई है. NEET UG परीक्षा 5 मई को आयोजित की गई थी. इसके बाद 4 जून को रिजल्ट घोषित किया गया. रिजल्ट के बाद कई छात्रों ने परीक्षा में हुई गड़बड़ी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की.