नई दिल्ली, 01 अगस्त (हि.स.)। भारत विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ग्लोबल पारंपरिक चिकित्सा केंद्र जामनगर के संचालन के लिए 10 वर्षों (2022-2032) की अवधि में 85 मिलियन अमेरिकी डॉलर दान करेगा। गुरुवार को इस संबंध में आयुष मंत्रालय और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जिनेवा में डब्ल्यूएचओ मुख्यालय में आयोजित एक हस्ताक्षर समारोह के दौरान एक डोनर एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए।
इस समझौते में डब्ल्यूएचओ ग्लोबल ट्रेडिशनल मेडिसिन सेंटर (जीटीएमसी) जामनगर की गतिविधियों को संचालित करने की वित्तीय शर्तों की रूपरेखा सम्मिलित है। समझौते पर आयुष मंत्रालय की ओर से संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि अरिंदम बागची ने हस्ताक्षर किए और डब्ल्यूएचओ की ओर से डॉ. ब्रूस एलवर्ड सहायक महानिदेशक यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज लाइफ डब्ल्यूएचओ ने हस्ताक्षर किए ।
आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने इस कार्यक्रम में अपनी वर्चुअल भागेदारी दर्ज की। कार्यक्रम का संचालन डब्ल्यूएचओ ग्लोबल पारंपरिक चिकित्सा केन्द्र की निदेशक (अस्थायी) डॉ. श्यामा कुरुविला ने किया और डॉ. रज़िया पेंडसे डब्ल्यूएचओ की महानिदेशक की ओर से धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया गया।
इस सहयोग के तहत भारत 10 वर्षों (2022-2032) की अवधि में डब्ल्यूएचओ ग्लोबल पारंपरिक चिकित्सा केंद्र के संचालन के लिए 85 मिलियन अमेरिकी डॉलर दान करेगा। यह डोनर समझौता डब्ल्यूएचओ ग्लोबल पारंपरिक चिकित्सा केंद्र की स्थापना को एक प्रमुख ज्ञान केंद्र के रूप में मान्यता देता है। इसका उद्देश्य पारंपरिक, पूरक और एकीकृत चिकित्सा को साक्ष्य आधारित माध्यमों से आगे बढ़ाना है, जिससे जान सामान्य और वैश्विक स्वास्थ्य और कल्याण में सुधार हो सके।
यूनियन कैबिनेट की मंजूरी के साथ, 25 मार्च 2022 को भारत सरकार के आयुष मंत्रालय और डब्ल्यूएचओ के बीच एक होस्ट कंट्री समझौता साइन किया गया था, जिसमें डब्ल्यूएचओ ग्लोबल पारंपरिक चिकित्सा केंद्र जामनगर, गुजरात की स्थापना को मंजूरी दी गई थी। यह केंद्र पारंपरिक चिकित्सा के लिए वैश्विक स्तर पर एकमात्र आउट-पोस्टेड केंद्र है।
उल्लेखनीय है कि डब्ल्यूएचओ-जीटीएमसी का अंतरिम कार्यालय पहले से ही कार्यरत है जो इसके निर्धारित उद्देश्यों के अनुसार क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण कार्यक्रम विकसित कर रहा है। इन कार्यक्रमों में कैंपस आधारित, आवासीय या वेब आधारित प्रशिक्षण शामिल होंगे जो डब्ल्यूएचओ अकादमी और अन्य रणनीतिक साझेदारों के साथ मिलकर संचालित किये जाएंगे। आयुष मंत्रालय और डब्ल्यूएचओ के संयुक्त प्रयास न केवल भारतीय स्वास्थ्य व्यवस्था को लाभ पहुंचाएंगी बल्कि वैश्विक स्वास्थ्य एजेंडे में भी योगदान करेंगी और पारंपरिक चिकित्सा के माध्यम से सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स को प्राप्त करने की हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करेंगी।