FASTag New Rules: अब वाहन की जानकारी को KYC से लिंक करना होगा, आदेश जारी

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FASTag New Rules: 1 अगस्त 2024 से FASTag यूजर्स के लिए नए KYC (नो योर कस्टमर) नियम लागू होंगे, जिन्हें NPCI ने जारी किया है। सभी FASTag सर्विस प्रोवाइडर्स को 3-5 साल पहले जारी किए गए टैग के लिए KYC प्रक्रिया 31 अक्टूबर 2024 तक पूरी करनी होगी। इससे यह सुनिश्चित करना जरूरी हो जाता है कि आपकी KYC जानकारी अपडेट हो ताकि सर्विस में कोई दिक्कत न आए। 5 साल से पुराने FASTag को बदलना भी अनिवार्य होगा। सभी FASTag को वाहन रजिस्ट्रेशन नंबर और चेसिस नंबर से लिंक करना होगा। सभी जरूरी KYC प्रक्रियाएं 31 अक्टूबर 2024 तक पूरी करनी होंगी।

नए नियम 1 अगस्त से लागू हो रहे हैं

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने फास्टैग केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) मानकों पर जोर देते हुए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं जो एक अगस्त 2024 से लागू होंगे। एनपीसीआई ने एक अधिसूचना में कहा कि नए फास्टैग नियमों के तहत केवाईसी पूरा करने की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर 2024 तय की गई है। इस तिथि तक तीन से पांच साल के लिए फास्टैग लेने वाले ग्राहकों को केवाईसी पूरा करना होगा।

31 अक्टूबर तक पूरा करना होगा फास्टैग केवाईसी

एनपीसीआई की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, 1 अगस्त 2024 से जारी होने वाले सभी टैग के लिए इन नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा। प्रत्येक टैग एक मोबाइल नंबर से जुड़ा होगा। जारीकर्ता को यह सुनिश्चित करना होगा कि मोबाइल नंबर से जुड़ी उचित केवाईसी पूरी हो। जारी होने वाला प्रत्येक टैग एक विशिष्ट वीआरएन यानी वाहन पंजीकरण संख्या होगी, जो चेसिस नंबर से जुड़ी होगी। जिन नए वाहनों में वीआरएन उपलब्ध नहीं है, वहां चेसिस नंबर अनिवार्य होगा।

समय रहते निपटा लें ये काम- वरना बंद हो जाएगा FASTag

फास्टैग यूजर्स को तय समय सीमा से पहले KYC प्रक्रिया पूरी कर लेनी चाहिए, नहीं तो उनका टैग बंद हो सकता है। NPCI के इस कदम से देशभर में फास्टैग का इस्तेमाल और भी सुरक्षित हो जाएगा। फास्टैग लेने वालों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि 90 दिनों के भीतर VRN अपडेट हो जाए और अगर वे VRN अपडेट नहीं करवा पाते हैं तो जारीकर्ता को ऐसे टैग को हॉटलिस्ट में डालना होगा। अगर हॉटलिस्टिंग के 30 दिनों के भीतर भी VRN अपडेट नहीं होता है तो जारीकर्ता इन टैग को निष्क्रिय कर सकता है। टैग की जानकारी VAHAN डेटाबेस से सत्यापित की जाएगी या जारीकर्ता ने डेटा सत्यापित किया होगा।