New Expressway: दिल्ली-एनसीआर से एक ऐसा एक्सप्रेसवे गुजरने जा रहा है जिससे कानपुर तक प्रॉपर्टी के दाम बढ़ जाएंगे. दरअसल, 380 किलोमीटर लंबा यह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के 9 जिलों के लिए अहम प्रोजेक्ट साबित होगा. इस एक्सप्रेसवे के बनने से नोएडा से कानपुर की दूरी महज साढ़े 3 घंटे की रह जाएगी, जबकि अभी ये समय 8 घंटे का है. 4 लेन वाले इस एक्सप्रेसवे को बढ़ाकर 6 लेन किया जा सकता है. उत्तर प्रदेश के प्रॉपर्टी मार्केट के लिहाज से यह एक्सप्रेसवे काफी अहम होगा. क्योंकि, यहां नोएडा से कानपुर तक इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाए जाएंगे. आइए आपको बताते हैं कि यह एक्सप्रेसवे किन 9 जिलों से होकर गुजरेगा, जहां प्रॉपर्टी के दामों पर असर पड़ेगा, साथ ही इन शहरों के बीच यात्रा का समय भी कम हो जाएगा.
राजमार्गों और एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा
गाजियाबाद-कानपुर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का उत्तरी छोर NH-9 (गाजियाबाद-हापुड़ हाईवे) से जुड़ेगा, जबकि दक्षिणी छोर 62.7 किलोमीटर लंबे कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा। यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के 9 जिलों से होकर गुजरेगा। यह ग्रीनफील्ड कॉरिडोर गाजियाबाद में मौजूदा मेरठ एक्सप्रेसवे को भी हापुड़ से जोड़ेगा।
इन 9 जिलों से होकर गुजरेगा यह एक्सप्रेसवे
380 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे गाजियाबाद से शुरू होकर हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़, कासगंज, फर्रुखाबाद, कन्नौज, उन्नाव होते हुए कानपुर तक जाएगा। इस तरह यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के 9 जिलों को कवर करेगा और कई गांवों से होकर गुजरेगा।
गाजियाबाद-कानपुर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण के बाद दिल्ली-एनसीआर से उत्तर प्रदेश के कई शहरों की सड़क कनेक्टिविटी और बेहतर हो जाएगी। खास बात यह है कि इस एक्सप्रेसवे के जरिए गाजियाबाद से कानपुर का सफर महज साढ़े 3 घंटे में पूरा हो जाएगा। अभी इसमें 8 घंटे लगते हैं क्योंकि NH-91 गाजियाबाद और कानपुर को जोड़ता है और इस हाईवे की लंबाई 468 किलोमीटर है।
इन शहरों में बढ़ेंगे प्रॉपर्टी के दाम
हाउसिंग डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे के पूरा होने से यूपी के इन सभी 9 जिलों में रियल एस्टेट सेक्टर में अच्छी तेजी आ सकती है। यहां रिहायशी और कमर्शियल प्रॉपर्टी और जमीन की मांग बढ़ सकती है। एनएचएआई ने कहा कि इस एक्सप्रेसवे के लिए जमीन अधिग्रहण पूरा होने के बाद यह 2026 तक बनकर तैयार हो जाएगा।