1 अगस्त से जूते, सैंडल और चप्पल महंगे हो जाएंगे, जानिए पूरी जानकारी

Footwear Prices Hike 696x406.jpg

Footwear prices Hike: भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने बाजार में बिकने वाले सभी जूतों के लिए नए गुणवत्ता मानक जारी किए हैं। BIS के नए मानकों के आधार पर बने जूते ज्यादा मजबूत और टिकाऊ होंगे, लेकिन ज्यादा महंगे भी होंगे। नए मानकों के लागू होने से 1 अगस्त से जूते, सैंडल और चप्पल महंगे हो सकते हैं। इन मानकों में जूतों की गुणवत्ता, इस्तेमाल की गई सामग्री और सुरक्षा जैसे कई पहलुओं पर ध्यान दिया गया है। BIS ने साफ कर दिया है कि नए नियम का पालन न करने वाली कंपनियों पर कार्रवाई की जा सकती है।

इस नए नियम से छोटी कंपनियों को राहत मिली है। 50 करोड़ रुपये से कम सालाना टर्नओवर वाली कंपनियों को अभी इन मानकों का पालन नहीं करना होगा। इसके अलावा पुराने स्टॉक वाले जूते भी इस नियम के दायरे से बाहर हैं, लेकिन इन जूतों की जानकारी बीआईएस की वेबसाइट पर अपलोड करनी होगी।

मजबूत जूते आपकी जेब पर असर डालेंगे

नए नियम के मुताबिक जूता बनाने वाली कंपनियों को अब बीआईएस के दो नए मानकों आईएस 6721 और आईएस 10702 का पालन करना होगा। इस नए नियम के लागू होने से जूतों की कीमतों में बढ़ोतरी होने की संभावना है, क्योंकि कंपनियों को नए मानक के मुताबिक जूते बनाने के लिए ज्यादा खर्च करना पड़ेगा।

1 अगस्त से जूतों से जुड़ी 46 चीजों पर BIS के नए नियम लागू हो जाएंगे। ब्यूरो ने लोगों को जानकारी देने के लिए इन नियमों को अपनी वेबसाइट पर डाल दिया है। नए नियमों के मुताबिक, जूतों में इस्तेमाल होने वाली चीजें जैसे रेक्सीन, इनसोल और लाइनिंग की जांच की जाएगी। जूते के बाहरी हिस्से की भी सख्ती से जांच की जाएगी।

जूते अधिक मजबूत, टिकाऊ और आरामदायक होंगे

नए नियमों से जूते मजबूत और टिकाऊ बनेंगे और लोगों को परेशानी कम होगी। अच्छी सामग्री के इस्तेमाल से जूते बनाने की लागत बढ़ जाएगी। लेकिन ब्यूरो ने अभी यह नहीं बताया है कि नए मानकों के लागू होने के बाद जूते कितने महंगे हो जाएंगे या इस बढ़ोतरी को कैसे कम किया जाएगा।

गौरतलब है कि भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) वस्तुओं, प्रक्रियाओं, प्रणालियों और सेवाओं के लिए अच्छे नियम बनाता है और जाँचता है कि वे ठीक से बन रहे हैं या नहीं। BIS अच्छा सामान बनाने के लिए नियम बनाता है, फिर जाँचता है कि सामान इन नियमों के अनुसार बना है या नहीं, और यह भी बताता है कि सामान अच्छा है या नहीं।