दिल्ली: मोदी सरकार ने मोइज्जू को कागज दिखाए, मालदीव को भारी सहायता में कटौती की

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पिछले साल चीन समर्थित मोहम्मद मोइज्जू के मालदीव का राष्ट्रपति बनने के बाद से भारत और मालदीव के बीच संबंधों में खटास आ गई है। अब भारत ने मालदीव को एक और बड़ा झटका दिया है. भारत ने मालदीव की मदद के लिए दिए जाने वाले बजट में बड़ी कटौती की है. जबकि उसके दूसरे पड़ोसी देश भूटान ने सबसे ज्यादा बजट आवंटित किया है.

भारत के इन कदमों से चीन की दुम दबाकर चल रही मुइजुनी सैन रुक गई है. मालदीव पहले से ही भारतीय पर्यटकों के बहिष्कार की प्रवृत्ति के कारण भारी आर्थिक नुकसान का सामना कर रहा है और भारत से पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट से उसे भारी नुकसान हुआ है। केंद्रीय बजट में भारत ने अपने पड़ोसी देशों को दी जाने वाली विकास निधि के रूप में भूटान को 2,068 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जबकि मालदीव को केवल 400 करोड़ रुपये देने की घोषणा की है। 2024-25 के बजट में भारत ने मालदीव के लिए सिर्फ 400 करोड़ रुपये रखे हैं.

बांग्लादेश को सहायता राशि भी कम कर दी गई

भारत ने बांग्लादेश को दी जाने वाली सहायता राशि भी कम कर दी है. इस बजट में बांग्लादेश के लिए 120 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं. पिछले साल यह रकम 200 करोड़ थी. मॉरीशस को दी जाने वाली राशि भी कम कर दी गई है. मॉरीशस के लिए इस साल 370 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं. पिछले साल यह 460 करोड़ था. म्यांमार की मदद के लिए 250 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. जबकि पिछले दो वित्तीय वर्षों में भारत ने म्यांमार को 400 करोड़ रुपये दिए थे. बजट में श्रीलंका के लिए 245 करोड़, अफ्रीकी देशों के लिए 200 करोड़ और अफगानिस्तान के लिए 200 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.