विशेष राज्य की मांग से पीछे क्यों हटें? नीतीश कुमार को है गिरफ्तारी का डर! विपक्ष ने लगाए गंभीर आरोप

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यूनियन बजट 2024: केंद्र सरकार द्वारा मंगलवार को पेश किए गए बजट में मोदी सरकार ने सबसे ज्यादा मेहरबानी आंध्र प्रदेश और बिहार पर की है. दोनों राज्यों के लिए बड़ी रकम आवंटित की गई है. विपक्ष की कुर्सी जहां इसे बचाव बजट बताकर मजाक उड़ा रही है, वहीं टीडीपी और जेडीयू समेत एनडीए इसे क्रांतिकारी बजट बता रही है. विपक्ष ने नीतीश कुमार पर आरोप लगाया है कि नीतीश कुमार विशेष राज्य के दर्जे के लिए आंदोलन करने को तैयार थे तो वे इस पैकेज से क्यों संतुष्ट हैं. वह बीजेपी के दबाव में काम कर रहे हैं और उन्हें जेल जाने का खतरा भी सता रहा है. 

क्या नीतीश कुमार पर कोई कार्रवाई होगी?

आरजेजी, कांग्रेस और वाम दल के नेताओं ने दावा किया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने निजी अधिकारी पर ईडी की छापेमारी के बाद दबाव में हैं. विपक्ष का आरोप है कि नीतीश कुमार के करीबी अधिकारी दबाव में काम कर रहे हैं क्योंकि जांच एजेंसी ने उन पर शिकंजा कस दिया है. इसलिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग पीछे हट गयी है. विपक्षी नेताओं का आरोप है कि जांच के डर से नीतीश विशेष राज्य की मांग पर चुप हैं. विपक्ष का आरोप है कि नीतीश के निजी अधिकारी ईडी के रडार पर आने के बाद सरेंडर कर रहे हैं. बिहार में ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव संजीव हंस के यहां ईडी की टीम ने छापेमारी की. कई अन्य अधिकारियों से भी ईडी पूछताछ कर रही है. इसलिए विपक्ष नीतीश कुमार पर दबाव में होने का आरोप लगा रहा है.

 

राजद विधायक ने भी लगाया आरोप

राजद विधायक मुकेश रौशन ने कहा कि केंद्र सरकार नीतीश पर दबाव बना रही है. नीतीश को डराने के लिए संजीव हंस जैसे अधिकारियों को निशाना बना रहे हैं. इस पर कई आरोप लगे हैं. बीजेपी अच्छी तरह से जानती है कि नीतीश कुमार दिल्ली में परेशानी खड़ी कर सकते हैं. इसलिए ईडी ने संजीव हंस को रडार पर ले लिया है. जिस दिन नीतीश अपनी मांग पर अड़े रहेंगे, बीजेपी उन्हें जेल में डाल देगी. इसलिए वे पीछे हट रहे हैं. साथ ही कांग्रेस विधायक संजय तिवारी ने कहा कि बीजेपी नीतीश कुमार को ब्लैकमेल कर रही है. कभी संजीव हंस के नाम पर तो कभी कहीं और. ईडी जांच की धमकी देकर दबाव बनाना चाहती है.

2009 से 2022 के बीच नीतीश कुमार की बीजेपी में करीब 6 बार मतभेद हो चुके हैं. चंद्रबाबू नायडू की पार्टी ने मार्च 2018 में एनडीए सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी लाया था. आंध्र में तब चंद्रबाबू नायडू की सरकार थी और नायडू ने अपने राज्य के लिए विशेष दर्जा और पैकेज की मांग करते हुए केंद्र सरकार से समर्थन वापस ले लिया था.

इस बजट से नीतीश और नायडू खुश हैं

बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की नीतीश कुमार की मांग को केंद्र ने भले ही खारिज कर दिया है. लेकिन बिहार को मिले विशेष पैकेज के बाद नीतीश कुमार खुश दिखे. उन्होंने कहा कि बजट में कई अहम घोषणाएं की गई हैं. उम्मीद है भविष्य में बाकी काम भी पूरे हो जाएंगे इसके साथ ही चंद्रबाबू नायडू ने यह भी कहा कि आज भारत के पास सही समय पर सही नेता है और उनका नाम नरेंद्र मोदी है.