टीआरपी गेमजोन अग्निकांड के 59 दिन बाद कोर्ट में पेश की गई चार्जशीट, 365 गवाहों के लिए गए बयान

Rajkot Game Zone Firep 2024 05 2

राजकोट में टीआरपी गेमजोन अग्निकांड के 59 दिन बाद मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी ने आज कोर्ट में आरोप पत्र पेश कर दिया है. पूरे गुजरात को दहला देने वाली इस घटना में 27 निर्दोष लोगों की मौत हो गई थी, इसलिए 16 आरोपियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या समेत अन्य धाराओं में अपराध दर्ज किया गया था. जिसमें एक आरोपी की मौत के बाद 15 आरोपी जो फिलहाल जेल में हैं उनके खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र पेश किया जा चुका है.

इस मामले में 365 गवाहों के बयान लिये गये हैं. राजकोट की निचली अदालत में एक आरोपी के खिलाफ पुख्ता सबूतों के साथ 15,000 से 20,000 पेज की चार्जशीट पेश होने के बाद आने वाले दिनों में सरकार की मंजूरी के बाद केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया जाएगा.

टीआरपी गेमजोन अग्निकांड मामले में अब तक कुल 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. जिसमें टीआरपी गेम जोन से जुड़ा एक आरोपी प्रकाश जैन आग में जिंदा जल गया. जबकि धवल भरत ठक्कर, युवराजसिंह हरिसिंह सोलंकी, राहुल ललितभाई राठौड़, नितिन महावीरप्रसाद लोढ़ा, अशोकसिंह जगदीश सिंह जाडेजा, उनके भाई किरीटसिंह, वेल्डिंग का ठेका रखने वाले महेश अमृतभाई राठौड़, साथ ही नगर निगम के पूर्व टीपीओ मनसुख धनजीभाई सगथिया , नगर पालिका के अन्य अधिकारी हैं, एटीपीओ गौतम देवशंकर जोश मुकेश रामजीभाई मकवाना, जयदीप बालूभाई चौधरी, राजेश नरशीभाई मकवाना के साथ-साथ फायर ब्रिगेड के तत्कालीन मुख्य अग्निशमन अधिकारी एलेशभाई वलाभाई खेर, उप मुख्य अग्निशमन अधिकारी भीखाभाई जीवाभाई थेबा और स्टेशन अधिकारी रोहित असमलभाई विगोरा मिल गया है और 15 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया है.

पुलिस आयुक्त द्वारा गठित एसआईटी की जांच कर रही क्राइम ब्रांच के एसीपी भरत बासिया और उनकी टीम ने आरोप पत्र पेश किया है. एसआईटी सूत्रों के मुताबिक इस मामले में 365 गवाहों के बयान लिए जा चुके हैं. आरोपपत्र में लगभग डेढ़ लाख पेज के केस पेपर और 15,000 से 20,000 पेज तक के दस्तावेजी साक्ष्य शामिल हैं।

नियम के मुताबिक, प्रत्येक आरोपी को आरोप पत्र की एक प्रति दी जानी है। जिसे देखते हुए ढाई से तीन लाख पेज तैयार किए गए हैं। करीब 6 बैगों में भरी यह चार्जशीट आज विशेष पुलिस वाहन के जरिए कोर्ट में पेश की गई है. राजकोट की निचली अदालत में यह आरोप पत्र पेश होने के बाद अब इस मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने के लिए सरकार से इजाजत मांगी गई है. जिसके बाद मामला जल्द ही फास्ट ट्रैक कोर्ट में जाएगा.