दिल्ली: सरकार सौर पैनल, बैटरी विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में चीनी निवेशकों को अनुमति दे सकती

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भारत अब पिछले कुछ वर्षों में चीनी निवेश पर अपने सख्त रुख में कुछ ढील दे सकता है। भारत की ओर से कुछ सेक्टरों में चीनी निवेश को इजाजत दी जा सकती है. एक मीडिया एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, यह मंजूरी सोलर पैनल, बैटरी मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों में दी जा सकती है, जो रणनीतिक रूप से ज्यादा संवेदनशील नहीं हैं। इसके अलावा भारत में अभी इन क्षेत्रों के विशेषज्ञों की जरूरत है. विशेष रूप से कम लागत वाली विनिर्माण एक बड़ी चुनौती है, जिसे चीनी कंपनियों के प्रवेश से दूर किया जा सकता है।

दो सरकारी सूत्रों का हवाला देते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में विशेषज्ञों की कमी है. इसके चलते घरेलू स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग कमजोर है. इसे ध्यान में रखते हुए, चीनी कंपनियों को उत्पादन बढ़ाने और प्रतिस्पर्धी माहौल बनाने की अनुमति दी जा सकती है। भारत और चीन की सेनाओं के बीच 2020 में गलवान में हुई भीषण झड़प के बाद से दोनों देशों के बीच रिश्ते तनावपूर्ण हैं। भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए कई चीनी कंपनियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया. इसमें कई चीनी कंपनियां भी शामिल थीं जो ऐप बना रही थीं।

इलेक्ट्रॉनिक्स और टेलीकॉम सेक्टर में पाबंदियां जारी रह सकती हैं

हालांकि, अब सूत्रों का कहना है कि सरकार कुछ सेक्टरों से जांच हटाना चाहती है, जो कम संवेदनशील हैं। चीनी कंपनियां ऐसे क्षेत्रों में प्रवेश करने में सक्षम दिख रही हैं। अगर ऐसा होता है तो 2020 के बाद चीन के साथ आर्थिक रिश्ते सुधारने की दिशा में यह भारत का पहला कदम होगा। सरकारी सूत्रों का कहना है कि भले ही चीनी कंपनियों को सोलर और बैटरी में एंट्री मिल जाए, लेकिन इलेक्ट्रॉनिक्स और टेलीकॉम सेक्टर पर प्रतिबंध जारी रहेगा। हालांकि, इस मामले में केंद्र सरकार या उसके किसी विभाग की ओर से अभी तक कोई औपचारिक बयान नहीं दिया गया है.