NEET पेपर लीक: CBI की सफाई, 60 लाख का एक पेपर! 150 छात्रों ने खरीदा पेपर

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नीट पेपर लीक मामले की जांच कर रही केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) एक-एक कर मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रही है। इस संबंध में अब तक की जांच से पता चला है कि आरोपी अभ्यर्थियों ने 35 से 60 लाख रुपये देकर प्रश्नपत्र खरीदे थे. मिली जानकारी के मुताबिक बिहार के अभ्यर्थियों ने 35 से 45 लाख रुपये में पेपर खरीदा. जबकि दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों को 55 से 60 लाख रुपये में पेपर देना तय हुआ था.

करीब 150 विद्यार्थियों ने पेपर दिया

जांच के दौरान पता चला कि अब तक करीब 150 अभ्यर्थियों को प्रश्नपत्र मिल चुका है. इनमें से कुछ का परीक्षा केंद्र झारखंड के हज़ारीबाग और कुछ का महाराष्ट्र के लातूर जिले में था। कुछ अभ्यर्थियों के लिए गुजरात के गोधरा और बिहार की राजधानी पटना में परीक्षा केंद्र थे.

80 से 90 छात्रों को अच्छी रैंक नहीं मिल सकी

केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) की एक टीम उस सेटिंग की भी जांच करने में जुटी है जिसके चलते इन शहरों में परीक्षा केंद्र बनाए गए या पेपर लीक गिरोह ने इन केंद्रों के चुनिंदा छात्रों को प्रश्नपत्र भेजे। पेपर लीक होने के बाद जिन 150 छात्रों को प्रश्नपत्र मिला उनमें से 80 से 90 अभ्यर्थियों को अच्छी रैंक नहीं मिली. आपको बता दें कि पहले पूरे पेपर लीक मामले की जांच बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा कर रही थी. हालांकि, केंद्र से निर्देश मिलने के बाद पूरे प्रकरण की जांच सीबीआई को सौंप दी गई.

संजीव मुखिया अब भी फरार है

पेपर लीक मामले की जांच में करीब एक महीना लगने वाला है. लेकिन अभी तक मास्टरमाइंड की पहचान नहीं हो पाई है. इस मामले का तथाकथित सरगना संजीव मुखिया फरार है. हालांकि, रॉकी और चिंटू समेत उसके साथी और सहयोगी सीबीआई की हिरासत में हैं। आरोप है कि रॉकी ने झारखंड के हजारीबाग स्थित ओएसिस स्कूल में जाकर नीट का पेपर लीक किया और फिर चिंटू के जरिए पेपर बिहार भेजा. चिंटू संजीव मुखिया की भतीजी का पति है. नीट पेपर लीक मामले में ज्यादातर आरोपी नवादा जिले के रहने वाले हैं.