बजट पर विपक्ष का हमला; देखिए राहुल गांधी, अखिलेश, थरूर समेत दिग्गजों ने क्या कहा

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यूनियन बजट 2024: मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया गया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लगातार सातवीं बार बजट पेश किया. मोदी 3.0 के पहले बजट की बीजेपी नेता जमकर तारीफ कर रहे हैं. तो वहीं लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इस बजट को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने सभापति को बजट बचाओ कहा. इसके अलावा अन्य विपक्षी दल के नेताओं की भी प्रतिक्रिया सामने आई है.

बजट में आम आदमी के लिए कुछ नहीं: राहुल गांधी

कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा ‘खुशी बचाओ बजट, इस बजट में सहयोगियों को खुश किया गया है.’ इस बजट में आम आदमी के लिए कुछ भी नहीं है. ‘कॉपी पेस्ट बजट है।’

 

 

 

शशि थरूर ने क्या कहा?

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने केंद्रीय बजट पर कहा, ‘यह एक निराशाजनक बजट है, आम लोगों की बड़ी समस्याओं के बारे में मैंने कुछ नहीं सुना है. आम लोगों की आय में सुधार के लिए उठाए गए किसी भी उपाय का अपर्याप्त उल्लेख किया गया था। जब गंभीर आय असमानता की बात आती है, तो हमें सरकार से बहुत कम प्रतिक्रिया मिलती है।’

 

 

 

बजट पर अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया

समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘अगर हम उत्तर प्रदेश को देखें तो निवेश की क्या स्थिति है? उनके चल रहे प्रोजेक्ट समय पर पूरे नहीं होते। यह अच्छा है कि बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष योजनाओं से जोड़ा गया है, लेकिन क्या उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में जहां प्रधानमंत्री चुने गए हैं, वहां के किसानों के लिए बजट में कुछ है?’

 

 

शिवसेना (उद्धव गुट) ने क्या कहा?

बजट पर शिवसेना (उद्धव ग्रुप) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, ‘मुझे लगता है कि इस बजट को ‘प्रधानमंत्री सरकार बचाओ योजना’ कहा जाना चाहिए. क्योंकि उन्हें एहसास है कि अगर उन्हें इस सरकार को अगले 5 साल तक बचाना है तो उनकी जरूरत पड़ेगी. केंद्र द्वारा महाराष्ट्र की उपेक्षा की जा रही है.’

 

 

 

पप्पू यादव ने बजट पर उठाए सवाल

निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने कहा, ‘अब वे 4 करोड़ नौकरियों की बात कर रहे हैं. लेकिन आपने 10 साल में कितनी नौकरियां दीं? नीतीश कुमार किंगमेकर रहे हैं. लेकिन उन्हें एक विशेष पैकेज तक नहीं दिया गया, बंद पड़ी फैक्ट्रियों को कुछ दीजिए, एयरपोर्ट को कुछ दीजिए.’