नरेश बंसल ने की आपातकाल के घटनाक्रम को पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग

C2385880a8b7e6177e468815bb4b639a

देहरादून, 22 जुलाई (हि.स.)। राज्यसभा में सोमवार को भाजपा के सदस्य नरेश बंसल ने आपातकाल के दौरान लोकतंत्र की बहाली के लिए हुए प्रयासों की तुलना स्वतंत्रता संग्राम में हुए संघर्ष से करते हुए इस कालखंड के इतिहास को स्कूल एवं कॉलेजों के पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने की मांग उठाई है।

राज्यसभा के शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए नरेश बंसल ने कहा कि स्कूल-कॉलेजों के पाठ्यक्रम में इस अवश्यक विषय को शामिल किया जाए। आपातकाल को भारत के लोकतंत्र का काला अध्याय करार देते हुए उन्होंने कहा कि इसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। उस समय रक्षक ही भक्षक बन गए थे। बंसल ने कहा कि आपातकाल 21 महीने तक चला था, जिसमें नागरिक स्वतंत्रता का हनन, असहमति का दमन और लोकतांत्रिक सिद्धांतों का हनन हुआ था। इसके साथ ही हजारों लोगों को बिना कारण बताए जेल में ठूंसा जाने लगा। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को बचाने के लिए अनेकों लोग बलिदान हुए। बंसल ने कहा कि देश में 1975-77 में आपातकाल के दौरान की गई ज्यादतियों और दमन का विरोध करने वालों की ओर से की गई लड़ाई को समझाने वाला एक अध्याय स्कूल एवं कॉलेज के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए।