सुबह की चिंता: हर किसी के जीवन में कुछ न कुछ तनाव मौजूद रहता है। लेकिन अगर रोजमर्रा की स्थितियों को लेकर अत्यधिक चिंता हो तो यह चिंता विकार का संकेत है। एक अध्ययन के अनुसार, महामारी के दौरान भारत में चिंता विकारों में 35 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, पुरुषों की तुलना में महिलाएं चिंता और अवसाद से ज्यादा प्रभावित होती हैं। जिसका सबसे आम लक्षण सुबह उठने पर भारीपन महसूस होना है। अगर आप सोने के बाद सुबह उठकर उदासी और भारीपन महसूस करते हैं तो इसके पीछे कई कारण हैं।
सुबह की चिंता और उदासी के कारण
1. कोर्टिसोल, जिसे तनाव हार्मोन भी कहा जाता है, सुबह के समय अपने उच्चतम स्तर पर होता है। यह उन लोगों में अधिक आम है जो नियमित रूप से चिंता का अनुभव करते हैं।
2. सुबह की चिंता और उदासी चिंता विकारों के कारण भी हो सकती है। चिंता से ग्रस्त लोग सुबह के समय लगातार चिंता और भय से पीड़ित रहते हैं। वे लगातार थकान, ध्यान केंद्रित करने में परेशानी और बेचैनी का अनुभव करते हैं।
3. खराब नींद की गुणवत्ता भी सुबह की उदासी और चिंता का कारण बन सकती है। चिंता का स्तर सुबह के समय सबसे अधिक होता है जब पर्याप्त नींद नहीं होती है।
4. हम जो भी खाते-पीते हैं उसका असर शरीर पर भी पड़ता है। यदि आप बहुत अधिक चीनी या कैफीन का सेवन करते हैं, तो यह चिंता के स्तर को बढ़ा सकता है।
सुबह की चिंता के लिए एक उपाय
अगर आप रोजाना सुबह उदासी, चिंता या घबराहट महसूस करते हैं तो जीवनशैली और खान-पान पर ध्यान दें। रात्रि में हल्का एवं सुपाच्य भोजन करें। कैफीन और शराब से बचें, रोजाना व्यायाम करें। साथ ही सुबह के समय मेडिटेशन भी करें, इससे मन को शांत करने में मदद मिलेगी।