दिल्ली में बनेंगे दो नए मेट्रो कॉरिडोर, हर दूसरे स्टेशन पर इंटरचेंज; किन इलाकों को होगा फायदा

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दिल्ली मेट्रो प्रबंधन ने मेट्रो फेज 4 के दो और कॉरिडोर लाजपत नगर से साकेत जी ब्लॉक (गोल्डन लाइन) और इंद्रप्रस्थ से इंद्रलोक (ग्रीन लाइन एक्सटेंशन) के निर्माण की प्रक्रिया तेज कर दी है। प्रोजेक्ट को मंजूरी मिलने के तीन महीने के भीतर ही दोनों कॉरिडोर का अलाइनमेंट का काम पूरा कर लिया गया है। यानी यह कॉरिडोर कहां-कहां से गुजरेगा, कहां-कहां से अनुमति लेनी होगी, इसका खाका सर्वे के बाद तैयार कर लिया गया है। मेट्रो प्रबंधन का लक्ष्य इस साल के अंत तक दोनों कॉरिडोर का निर्माण कार्य शुरू करना है।

दिल्ली मेट्रो के प्रबंध निदेशक विकास कुमार के अनुसार मेट्रो फेज 4 के बचे हुए तीन कॉरिडोर में से दो को मार्च 2024 में मंजूरी मिल गई थी। इसके बाद तेजी से काम किया जा रहा है। निर्माण कार्य के लिए टेंडर जारी करने और अनुबंध दस्तावेज तैयार करने का काम अंतिम रूप दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अब हमारी लोन देने वाली कंपनी से समझौते को लेकर बातचीत चल रही है।

हर दूसरे स्टेशन पर इंटरचेंज सुविधा

मेट्रो के मुताबिक 20.76 किलोमीटर लंबे दोनों कॉरिडोर पर कुल आठ नए इंटरचेंज स्टेशन होंगे। इसमें इंद्रप्रस्थ-इंद्रलोक दिल्ली मेट्रो का पहला ऐसा कॉरिडोर होगा, जिसके हर दूसरे स्टेशन पर इंटरचेंज की सुविधा होगी। 12 किलोमीटर के इस कॉरिडोर पर कुल 10 स्टेशन होंगे, जिनमें से पांच इंटरचेंज स्टेशन होंगे। यह मौजूदा पांच कॉरिडोर ब्लू (दिल्ली से नोएडा), पिंक (मजलिस पार्क से मौजपुर), मजेंटा (जनकपुरी से बॉटनिकल गार्डन), येलो (समयपुर बादली से गुरुग्राम), रेड लाइन (रिठाला से गाजियाबाद नया बस अड्डा) को जोड़ेगा। लाजपत नगर से साकेत जी ब्लॉक तक कुल तीन इंटरचेंज स्टेशन होंगे। यह दक्षिण दिल्ली के उन इलाकों को जोड़ेगा, जो मौजूदा मेट्रो नेटवर्क के 2-3 किलोमीटर के दायरे में आते हैं, लेकिन उनकी कोई सीधी कनेक्टिविटी नहीं है

इन क्षेत्रों के लोगों को होगा फायदा

मेट्रो फेज 4 में दो और कॉरिडोर कई मायनों में बेहद खास होंगे। इससे न सिर्फ कनेक्टिविटी बढ़ेगी, बल्कि वे इलाके भी जुड़ जाएंगे जो अभी मेट्रो नेटवर्क से तीन से चार किलोमीटर दूर हैं। दोनों कॉरिडोर के बनने से दिल्ली के कई अहम व्यावसायिक और प्रशासनिक कार्यालय मेट्रो नेटवर्क से जुड़ जाएंगे। दिल्ली सचिवालय, आईजीआई स्टेडियम, एलएनजेपी अस्पताल, सराय रोहिल्ला रेलवे स्टेशन, ग्रेटर कैलाश-1, साकेत डिस्ट्रिक्ट सेंटर जैसे व्यावसायिक गतिविधियों वाले अहम स्थान सीधे मेट्रो नेटवर्क से जुड़ जाएंगे। इसके अलावा पुरानी दिल्ली के कई इलाके जैसे नबी करीम, बल्लीमारान, अजमल खां पार्क जैसे घनी आबादी वाले इलाके भी मेट्रो से जुड़ जाएंगे।

छह में से पांच कॉरिडोर स्वीकृत

दिल्ली मेट्रो फेज 4 में कुल छह कॉरिडोर प्रस्तावित हैं। 65.10 किलोमीटर लंबे नेटवर्क वाले तीन कॉरिडोर पर निर्माण कार्य पहले से ही चल रहा है- जनकपुरी पश्चिम से आरके आश्रम, तुगलकाबाद से एरोसिटी और मौजपुर से मजलिस पार्क। तीनों कॉरिडोर को मार्च 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। बाकी तीन कॉरिडोर में से दो, लाजपत नगर से साकेत जी ब्लॉक और इंद्रलोक से इंद्रप्रस्थ को मार्च 2024 में मंजूरी मिल गई है। नरेला-बवाना कॉरिडोर को अभी मंजूरी नहीं मिली है क्योंकि इसे हरियाणा के कुंडली तक बढ़ाया जाना है।