जनरल डिब्बों में भीड़भाड़ कम करने और रेल हादसों पर लगाम लगाने के लिए सरकार रेल नेटवर्क के विस्तार पर ध्यान दे सकती है। सूत्रों के मुताबिक आगामी बजट में जनरल ट्रेन की बोगियों को वंदे भारत में बदलने पर जोर दिया जाएगा।
रेलवे के संबंध में सरकार की क्या योजना है?
संसद में आम बजट पेश होने में बस कुछ ही दिन बचे हैं, ऐसे में इसमें होने वाली घोषणाओं को लेकर जनता अभी से कयास लगाने लगी है। सभी को वित्त मंत्री से राहत मिलने की उम्मीद है। रोजाना ट्रेन से सफर करने वाले महेश कश्यप भी चाहते हैं कि सरकार को अन्य सेक्टर की तरह रेलवे पर भी अपना फोकस बढ़ाना चाहिए। खासकर यात्रियों की सुरक्षा से लेकर किराया कम करने जैसी घोषणाएं की जानी चाहिए। महेश की उम्मीदें कितनी पूरी होंगी, यह तो बजट के दिन ही पता चलेगा, लेकिन रेलवे के विकास के लिए सरकार की क्या योजना है, इस पर एक नजर डालते हैं।
वंदे भारत को बढ़ावा मिलने की उम्मीद
सरकार पिछले कुछ समय से ट्रेन के जनरल कोच को वंदे भारत में बदलने के लिए जोर लगा रही है। इस साल की शुरुआत में अपने अंतरिम बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 40,000 जनरल रेल कोच को वंदे भारत के मानकों के अनुरूप बनाने की बात कही थी। इस ओर सरकार का झुकाव साल 2024-25 के बजट में भी देखने को मिल सकता है। सरकार का मानना है कि इससे यात्रियों को यात्रा के दौरान बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। साथ ही दूरी तय करने में भी कम समय लगेगा।
यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी
जनरल कोच में भीड़भाड़ कम करने और ट्रेन हादसों पर लगाम लगाने के लिए सरकार रेल नेटवर्क के विस्तार पर ध्यान दे सकती है। इसके साथ ही तकनीक के समुचित इस्तेमाल पर भी जोर दिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक आगामी बजट में यात्री सुरक्षा को पहली प्राथमिकता दी जाएगी। इसके चलते रेल क्षमता बढ़ाने के लिए बड़ी मात्रा में धन आवंटित किया जा सकता है। अंतरिम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की थी कि सरकार की पाइपलाइन में 11 ट्रिलियन रुपये से रेल कॉरिडोर बनाए जाएंगे।
रिफंड सिस्टम समेत ये चीजें होंगी बेहतर
वर्ष 2024-25 के केंद्रीय बजट में रेलवे नेटवर्क पर यात्री क्षमता और सुरक्षा बढ़ाने पर अधिक जोर दिया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार, 24 घंटे में टिकट रिफंड योजना शुरू करने, रेलवे सेवाओं के लिए एक व्यापक सुपर ऐप विकसित करने और तीन कॉरिडोर स्थापित करने पर भी काम किया जाएगा।
किराया कम करने का अनुरोध
कोरोना काल से पहले वरिष्ठ नागरिकों को ट्रेन टिकट पर 50 फीसदी तक की छूट मिलती थी, लेकिन 2019 के अंत से यह सुविधा बंद कर दी गई। वरिष्ठ नागरिक सरकार से कोविड काल खत्म होने के बाद किराए में छूट बहाल करने की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा महिलाओं, छात्रों आदि के लिए भी किराए में छूट की मांग की जा रही है। कानपुर निवासी पंकज का कहना है कि उन्हें अक्सर काम के सिलसिले में दिल्ली जाना पड़ता है, लेकिन एसी कोच का किराया काफी महंगा पड़ रहा है, जिससे उनका बजट गड़बड़ा रहा है। उनकी अपील है कि केंद्र सरकार इस साल के बजट में किराए में कमी का ऐलान करे।