चांदीपुरा वायरस: चांदीपुरा वायरस ने गुजरात में कहर मचा रखा है. चांदीपुरा वायरस के कारण सरकार के साथ-साथ लोगों की भी चिंता बढ़ गई है. चांदीपुरा वायरस से बच्चों की भी मौत हो रही है. गुजरात में चंडीपुरा वायरस तेजी से बच्चों को अपना शिकार बना रहा है। यह वायरस 15 साल से कम उम्र के बच्चों में सबसे आम है। आइए आज आपको चांदीपुरा वायरस के बारे में विस्तार से बताते हैं।
चांदीपुरा वायरस क्या है?
चांदीपुरा वायरस एक आरएनए वायरस है। यह अधिकतर दो माह से 15 वर्ष तक के बच्चों को प्रभावित करता है। इस वायरस के संक्रमण से मृत्यु दर 50 से 70% है। यह वायरस मादा फ़्लेबोटोमाइन मक्खियों और एडीज़ मच्छरों के काटने से फैलता है।
चांदीपुरा वायरस के लक्षण
– यदि कोई बच्चा चांदीपुरा वायरस से संक्रमित हो जाता है तो उसे गंभीर बुखार हो जाता है।
– इस वायरस के संक्रमण से बच्चे को उल्टी और दस्त की समस्या भी हो सकती है.
– इस वायरस के संक्रमण से थकान और कमजोरी बढ़ने लगती है.
– इसके अलावा चांदीपुरा वायरस पेट दर्द, दिमाग में सूजन जैसी समस्याएं भी पैदा कर सकता है।
चांदीपुरा वायरस से कैसे बचें?
– चांदीपुरा वायरस से बचने का सबसे आसान तरीका है बच्चों को मक्खी-मच्छरों से बचाना।
– इस मौसम में जब बच्चे घर से बाहर निकलें तो उन्हें पूरी बाजू के कपड़े पहनाएं।
– रात को सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।
-शाम के समय घर की खिड़कियां और दरवाजे बंद कर दें ताकि मक्खी-मच्छर घर में न आएं।
चांदीपुरा वायरस का संक्रमण कैसे फैलता है?
चांदीपुरा वायरस मच्छरों और मक्खियों की लार में मौजूद होता है। यह वायरस लार के जरिए लोगों में तेजी से फैलता है। इस वायरस का संक्रमण होने पर दिमाग में सूजन आ जाती है और दिमाग में बुखार भी चढ़ जाता है। जिसके कारण शरीर में दर्द और अन्य समस्याएं होने लगती हैं। यह वायरस इस समय गुजरात और राजस्थान में तेजी से फैल रहा है।