परिणाम घोषित करने के चार साल बाद ही अंकतालिका जारी नहीं करने पर मांगा जवाब

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जयपुर, 17 जुलाई (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने चार वर्षीय बीएससी बीएड कोर्स के प्रथम वर्ष की अंकतालिका परिणाम जारी होने के चार साल बाद भी जारी नहीं करने पर आश्चर्य जताया है। इसके साथ ही अदालत ने मामले में राजस्थान विश्वविद्यालय के कुलसचिव, परीक्षा नियंत्रक और एक निजी कॉलेज को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश अखिलेश चौधरी की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।

याचिका में अधिवक्ता लक्ष्मीकांत शर्मा ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने जुलाई, 2018 में एमडीएस विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित प्रवेश परीक्षा देकर चार वर्षीय बीएससी बीएड पाठ्यक्रम में प्रवेश लिया था। उसे पाठ्यक्रम में अध्ययन के लिए फागी की स्टेनी मेमोरियल कॉजेल में एडमिशन मिला। वहीं राजस्थान विश्वविद्यालय की ओर से सत्र 2019-20 में प्रथम वर्ष की परीक्षा आयोजित कर परिणाम घोषित कर दिया। इसके बावजूद उसे अंक तालिका जारी नहीं की गई। याचिका में कहा गया कि बीएससी बीएड के द्वितीय वर्ष में उसे कोविड के कारण उत्तीर्ण कर तृतीय वर्ष में प्रवेश दिया गया। याचिकाकर्ता ने तृतीय वर्ष की परीक्षा के बाद चतुर्थ वर्ष की परीक्षा भी पास कर ली, लेकिन उसे अब तक प्रथम वर्ष की अंकतालिका जारी नहीं की गई। याचिकाकर्ता ने इस संबंध में निजी कॉलेज और विश्वविद्यालय प्रशासन को कई बार प्रतिवेदन दिए, लेकिन उन पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। ऐसे में विवि और कॉलेज को निर्देश दिए जाए कि वह याचिकाकर्ता की प्रथम वर्ष की अंकतालिका जारी करे। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है।