फतेहाबाद: प्राथमिक शिक्षकों ने मांगों को लेकर शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर किया प्रदर्शन

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फतेहाबाद, 17 जुलाई (हि.स.)। जिलेभर के प्राथमिक शिक्षकों ने राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ जिला फतेहाबाद के आह्वान पर अपनी मांगों को लेकर जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर रोष प्रदर्शन किया और नारेबाजी की। प्रदर्शन में जिला फतेहाबाद के सभी खण्डों से सैंकड़ों शिक्षकों ने भाग लिया।

बुधवार को किए गए प्रदर्शन की अध्यक्षता जिला प्रधान विकास टुटेजा ने की वहीं संचालन जिला उपप्रधान विनोद मूंड द्वारा किया गया। प्रदर्शन के बाद संघ का प्रतिनिधिमंडल जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी वेद सिंह दहिया से मिला और उन्हें मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शन में विशेष तौर पर संघ के राज्य चेयरमैन देवेन्द्र दहिया, राज्य कानूनी सलाहकार दलीप बिश्नोई भी मौजूद रहे।

डीईईओ को सौंपे मांग पत्र में संघ के जिला प्रधान विकास टुटेजा ने हरियाणा सरकार के समक्ष मांग की है कि सामान्य तबादले होने तक सभी स्कूलों में छात्र संख्या के अनुपात में शिक्षकों के समायोजन की शक्तियां जिला स्तर पर दी जाए ताकि शैक्षणिक व्यवस्था उचित बन सके। पेंशन स्कीम को खत्म कर ओल्ड पेंशन स्कीम लागू की जाए। प्राथमिक विद्यालयों में दाखिले के समय परिवार पहचान पत्र की अनिवार्यता को खत्म कर विद्यालय के दाखिला रजिस्टर के दाखिला नंबर को ही रजिस्ट्रेशन का आधार मान एमआईएस पोर्टल पर बच्चों का एडमिशन किया जाए। राज्य चेयरमैन देवेन्द्र दहिया ने कहा कि तबादला नीति में जोन सिस्टम बहाल करते हुए वरिष्ठता के अंक दिए जाएं। प्राथमिक शिक्षकों के अंतरजिला तबादले व सामान्य तबादले प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाए।

राज्य कानूनी सलाहकार दलीप बिश्नोई ने बताया कि हाल ही में विभाग द्वारा जारी सरप्लस अध्यापकों को प्रतिनियुक्ति पर समायोजित करने की आड़ में विभाग द्वारा पूरे राज्य मे 337 विद्यालयों को बंद किया जा रहा है जो कि आम जन मानस के अधिकारों का हनन है इसलिए स्कूल मर्जिंग पूरी तरह से बंद हो। जेबीटी से टीजीटी के सभी विषयों के खाली पदों पर पदोन्नति की जाए। नई शिक्षा नीति के तहत प्राथमिक स्कूलों में छात्र-शिक्षक अनुपात 25:1 किया जाए। जेबीटी का बेसिक 35400 की बजाय 39900 किया जाए। अंत मे जिला प्रधान विकास टुटेजा ने हरियाणा सरकार को चेताया कि अगर सरकार ने संघ की मांगें नहीं मानी तो 21 जुलाई को करनाल में मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया जाएगा और आने वाले विधानसभा चुनाव में सरकार का खुल कर विरोध किया जाएगा।