फरीदाबाद : चुनाव आते ही बदले विधायक के सुर, सरकार से समर्थन लिया वापस

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फरीदाबाद, 17 जुलाई (हि.स.)। हरियाणा में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही पृथला क्षेत्र के निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत ने सुर बदल गए है, उन्होंने भाजपा सरकार से अपना समर्थन वापिस लेते हुए गुरुवार को चंडीगढ़ में अपनी राजनीति की नई रणनीति का खुलासा करने का ऐलान किया है। राजनैतिक गलियारों में विधायक नयनपाल रावत के इस निर्णय को भाजपाई चुनावी स्टंट बता रहे है तो विपक्षी इसे भाजपा का टिकट मांगने का नाटक करार दे रहे है। निर्दलीय विधायक के इस निर्णय के बाद हरियाणा की राजनीति में गहमागहमी शुरू हो गई है।

राजनीतिज्ञों का कहना है कि साढ़े चार साल सत्ता की मलाई खाने के बाद अब पार्टी में कोई वजन न मिलने के चलते विधायक हताश है। उन्होंने क्षेत्र में कोई विकास नहीं करवाया, अब जनता के सवालों का जवाब देने के लिए उन्होंने यह राजनीतिक षडयंत्र रचा है, लेकिन जनता अब उनके झूठे स्टंटों में आने वाली नहीं है। दरअसल विधायक नयनपाल रावत 2009 और 2014 का चुनाव पृथला क्षेत्र से भाजपा की टिकट पर लड़ चुके है, इन दोनों ही चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा, जबकि 2019 के चुनाव में टिकट न मिलने के चलते उन्होंने निर्दलीय चुनावी मैदान में ताल ठोंकी और वह चुनाव जीत गए।

चुनाव जीतने के बाद उन्होंने अल्पमत भाजपा सरकार को अपना समर्थन दिया। सरकार ने भी विधायक नयनपाल रावत को समर्थन के बदले हरियाणा वेयर हाऊस के चेयरमैन से नवाजा। करीब साढ़े चार सालों तक सरकार को समर्थन देने के बाद अब चुनावों को नजदीक देख उन्होंने सरकार से समर्थन वापिस ले लिया। उन्होनें कहा है कि अधिकारी सरकार की नीतियों को पलीता लगा रहे है और अधिकारी नहीं चाहते कि प्रदेश में पुन: भाजपा की सरकार आए। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह गुरुवार को चंडीगढ़ में प्रेस वार्ता के माध्यम से अपनी चुनावी रणनीति का खुलासा करेंगे। अब देखना यह है कि निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत अपनी राजनैतिक पारी आगे कैसे बढ़ाते है।