क्या महाराष्ट्र में फिर बाजी मारेगी बीजेपी? जैसे ही आरएसएस के पर्चे में पवार का नाम आया, अटकलें फिर से तेज हो गईं

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महाराष्ट्र राजनीति : महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले काफी उथल-पुथल देखने को मिल रही है। एक ओर जहां राज्य में अजित पवार के चार नेताओं ने पार्टी छोड़कर शरद पवार का हाथ थाम लिया है, वहीं दूसरी ओर आरएसएस के मराठी पर्चे में लोकसभा चुनाव का जिक्र करते हुए अजित पवार पर हमला बोला गया है. दरअसल, अखबार में एक लेख छपा था, जिसमें राज्य के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की भारी हार के लिए अजित की नेशनल कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को जिम्मेदार ठहराया गया था।

आरएसएस ने एनसीपी के साथ गठबंधन पर आपत्ति जताई

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की मराठी पत्रिका ने अजित पवार की पार्टी के साथ बीजेपी के गठबंधन पर आपत्ति जताई है. पैम्फलेट के एक आर्टिकल में लिखा है कि महाराष्ट्र लोकसभा चुनाव 2024 में एनसीपी के साथ गठबंधन के चलते बीजेपी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है.

‘कार्यकर्ता हताश नहीं, भ्रमित हैं’

आरएसएस की पत्रिका ‘विवेक’ ने राज्य में बीजेपी के बैकफुट का कारण पार्टी और कार्यकर्ताओं के बीच संवाद की कमी को बताते हुए ‘कार्यकर्ता निराश नहीं, बल्कि भ्रमित’ शीर्षक से एक लेख प्रकाशित किया है.

 

बीजेपी का शिवसेना के साथ गठबंधन स्वाभाविक है

मैगजीन में आगे लिखा है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की पार्टी शिवसेना के साथ बीजेपी का गठबंधन स्वाभाविक था और मतदाताओं ने उनके गठबंधन को स्वीकार भी कर लिया है. हालांकि अजित पवार की एनसीपी में एंट्री के बाद मतदाताओं की भावनाएं विपरीत दिशा में चली गईं.

बीजेपी कार्यकर्ताओं ने भी एनसीपी का विरोध किया

आरएसएस के पत्रक में इस बात का भी जिक्र है कि, ‘सभी कार्यकर्ताओं ने लोकसभा चुनाव में हार के कारणों और एनसीपी के साथ गठबंधन पर भी चर्चा शुरू कर दी है. साफ है कि बीजेपी कार्यकर्ता एनसीपी को साथ नहीं रखना चाहते थे.’

चार दिग्गज नेताओं ने छोड़ी अजित पवार की पार्टी

गौरतलब है कि एनसीपी नेता अजित पवार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी रायगढ़ में सिर्फ एक सीट ही जीत सकी. इस हार को भूलकर पार्टी अगले विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है. हालांकि, चार बड़े नेता पार्टी से अलग हो चुके हैं. पिंपरी चिंचवड़ के चार बड़े नेताओं ने अजित पवार की पार्टी छोड़ दी है. कयास लगाए जा रहे हैं कि ये चारों नेता अब शरद पवार की पार्टी में शामिल हो सकते हैं. पिंपरी चिंचवड़ इकाई के अध्यक्ष अजीत गव्हाणे ने अपना इस्तीफा अजीत पवार को भेज दिया है। इसके अलावा छात्र इकाई प्रमुख यश साने, पूर्व पार्षद राहुल भोसले और पंकज भालेकर भी पार्टी बदलने की तैयारी में हैं. 

 

लोकसभा चुनाव में महायुति बैकफुट पर

महाराष्ट्र लोकसभा चुनाव की बात करें तो राज्य की कुल 48 सीटों में से कांग्रेस ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है और 13 सीटों पर जीत हासिल की है, जबकि उद्धव ठाकरे की पार्टी शिव सेना यूबीटी ने नौ सीटें और शरद पवार की पार्टी एनसीपी ने आठ सीटों पर जीत हासिल की है. ये तीनों पार्टियां महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन की सहयोगी हैं। इस तरह इस गठबंधन ने कुल 30 सीटों पर जीत हासिल की है. वहीं महायुति गठबंधन की सहयोगी बीजेपी ने नौ सीटें, शिंदे की शिवसेना ने सात और अजित की एनसीपी ने एक सीट जीती है, इस तरह गठबंधन ने कुल 17 सीटें जीती हैं.

2019 लोकसभा चुनाव की तस्वीर

राज्य में पिछले लोकसभा चुनाव की बात करें तो राज्य की 48 लोकसभा सीटों में से 25 में से बीजेपी के 23 उम्मीदवार जीते थे, जबकि शिवसेना के 23 में से 18, एनसीपी के 19 में से चार, कांग्रेस के 25 में से एक उम्मीदवार जीते थे. . जबकि AIMIM ने उम्मीदवार खड़ा किया और जीत हासिल की. जबकि एक सीट निर्दलीय के खाते में भी गई. 

पिछले साल अजित पवार ने बगावत कर दी थी

गौरतलब है कि अजित पवार ने पिछले साल अपने चाचा के खिलाफ बगावत कर दी थी और करीब 40 एनसीपी विधायकों के साथ गठबंधन बनाकर सरकार बनाकर डिप्टी सीएम बने थे. शरद पवार ने पिछले महीने ही कहा था कि ‘जो लोग पार्टी को कमजोर करना चाहते हैं उन्हें स्वीकार नहीं किया जाएगा. लेकिन जिन नेताओं ने संगठन को मजबूत किया है और पार्टी की छवि खराब नहीं की है, उन्हें अंदर आने दिया जाएगा।’