जानें हार्ट अटैक से बचाव के उपाय!

D4ae7a83faf515183dcda6189401a248

हार्ट अटैक से बचाव के उपाय: हार्ट अटैक जानलेवा हो सकता है। वैसे तो जरूरी नहीं कि पहले अटैक से ही व्यक्ति की मौत हो जाए, लेकिन दिल इतना कमजोर हो जाता है कि कभी-कभी धड़कना भी बंद हो सकता है। ऐसे में इससे बचने का सबसे अच्छा उपाय है रोजाना सीढ़ियां चढ़ना। ऐसा क्यों और कितना करना चाहिए, यह आप इस लेख में जान सकते हैं।

 

स्वस्थ रहने के लिए शारीरिक रूप से सक्रिय रहना बहुत ज़रूरी है। इसमें सिर्फ़ व्यायाम और योग ही शामिल नहीं है, बल्कि रोज़मर्रा की छोटी-छोटी आदतें भी अहम भूमिका निभाती हैं। इन्हीं आदतों में से एक है सीढ़ियाँ चढ़ना। 

 

जी हाँ, आपने सही पढ़ा! सीढ़ियाँ चढ़ने से न सिर्फ़ आपकी मांसपेशियाँ मज़बूत होती हैं, बल्कि दिल से जुड़ी बीमारियों, ख़ास तौर पर दिल के दौरे का ख़तरा भी कम होता है। लेकिन सवाल यह उठता है कि दिल को मज़बूत बनाने के लिए कितनी सीढ़ियाँ काफ़ी हैं? 

आपको प्रतिदिन कितनी सीढ़ियाँ चढ़नी चाहिए ?

टुलेन यूनिवर्सिटी के एक नए अध्ययन के अनुसार,  हर दिन 50 सीढ़ियाँ चढ़ने से हृदय रोग का जोखिम काफी हद तक कम हो सकता है। सीढ़ियाँ चढ़ने वाले लोगों में दूसरों की तुलना में हृदय रोग का जोखिम 20 प्रतिशत कम होता है। यह अध्ययन स्पष्ट रूप से इंगित करता है कि भले ही आप जिम जाने या लंबी सैर करने का समय नहीं निकाल पा रहे हों, लेकिन घबराने की ज़रूरत नहीं है। आप आसान तरीकों से भी अपने दिल का ख्याल रख सकते हैं। 

सीढ़ियाँ चढ़ने से दिल को कैसे फ़ायदा होता है

 

अध्ययन में पाया गया कि सीढ़ियाँ चढ़ने से शरीर में हाई-डेंसिटी लिपोप्रोटीन (HDL) का स्तर बढ़ता है, जिसे अच्छा कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है। वहीं, लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन (LDL) का स्तर घटता है, जिसे बुरा कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है। इससे हृदय में ब्लॉकेज नहीं होता और हार्ट अटैक की संभावना बहुत कम हो जाती है। 

हार्ट अटैक के साथ मोटापा भी दूर हो जाता है ।

अगर आप लिफ्ट की जगह सीढ़ियों का इस्तेमाल करने की आदत डाल लें तो न सिर्फ आप अपने दिल की सेहत का ख्याल रख पाएंगे बल्कि  मोटापा कम करने में भी मदद मिलेगी । इससे आपके जोड़ और हड्डियां मजबूत होंगी।

सिर्फ सीढ़ियां चढ़ने से नहीं रुकेगा दिल का दौरा

विशेषज्ञों का कहना है कि सिर्फ़ सीढ़ियाँ चढ़ना ही काफ़ी नहीं होगा। दिल को स्वस्थ रखने के लिए संतुलित आहार, पर्याप्त नींद और तनाव मुक्त रहना भी ज़रूरी है। साथ ही धूम्रपान और शराब के सेवन से पूरी तरह बचना चाहिए।