गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अपनी सेहत का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है। डॉक्टर से लेकर परिवार के बड़े-बुजुर्ग तक अक्सर सलाह देते हैं कि गर्भावस्था के दौरान क्या खाना चाहिए और क्या नहीं। गर्भावस्था के दौरान केसर खाने से बच्चा गोरा होता है। इसलिए केसर खाना चाहिए लेकिन दूसरी तरफ कहा जाता है कि पपीता नहीं खाना चाहिए.
घर की बुजुर्ग महिलाओं का मानना है कि इस दौरान पपीता बिल्कुल नहीं खाना चाहिए क्योंकि इससे गर्भपात भी हो सकता है। लेकिन ऐसे में सवाल ये है कि क्या ये सच है. अगर किसी महिला को इस बात की जानकारी नहीं होती है और वह जाने-अनजाने में पपीता खा लेती है तो उसका गर्भपात हो जाता है।
गर्भावस्था को लेकर समाज में कई मान्यताएं हैं
हमारे समाज में गर्भधारण से जुड़ी कई मान्यताएं हैं। ये वो मिथक हैं जो 21वीं सदी में भी लोगों के दिलों पर हावी हैं। गर्भावस्था में केसर वाला दूध पीने से बच्चा गोरा होता है, पपीता खाने से गर्भपात हो सकता है, बैठकर पोछा लगाने से प्रसव सामान्य हो जाता है। हमारे समाज में कई ऐसी चीजें हैं जो विज्ञान के हिसाब से बिल्कुल बेतुकी हैं।
समाज का एक बड़ा वर्ग ऐसा है जो इन बातों पर आंख मूंदकर विश्वास कर लेता है। सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि यह मिथक होने के बावजूद सच्चाई से कहीं ज्यादा है।
1. कच्चा पपीता क्यों नहीं खाना चाहिए?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, गर्भावस्था के दौरान कच्चा पपीता नहीं खाना चाहिए क्योंकि इसमें लेटेक्स की मात्रा अधिक होती है। जिससे महिला का गर्भाशय सिकुड़ सकता है। इससे गर्भावस्था के दौरान महिला को परेशानी हो सकती है। कच्चा पपीता बढ़ते बच्चे के स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है। ऐसे में महिलाओं को कच्चा पपीता नहीं खाना चाहिए.
2. पका पपीता फायदेमंद होता है
रिपोर्ट्स के मुताबिक, गर्भावस्था के दौरान पका हुआ पपीता मां और बच्चे दोनों के लिए बहुत अच्छा होता है। यह विटामिन बी और विटामिन सी से भरपूर होता है। गर्भावस्था के दौरान यह महिलाओं के लिए बहुत अच्छा होता है। जिन महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान कब्ज की समस्या रहती है उन्हें पपीता जरूर खाना चाहिए।