ज्योतिष शास्त्र में सप्ताह के सातों दिन महत्वपूर्ण माने गए हैं। हर दिन वे किसी न किसी देवता को समर्पित होते हैं। अगर दिन के अनुसार इस बात का ध्यान रखा जाए तो व्यक्ति को शुभ फल भी मिल सकते हैं। ऐसे में अगर घर की सफाई की बात करें तो सफाई के लिए विशेष दिन और समय भी तय होते हैं। जिसके आधार पर सफाई करने से व्यक्ति को शुभ परिणाम मिल सकते हैं। आइए इस लेख में ज्योतिषी पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं कि कब और किस दिन मंदिर की सफाई करना शुभ नहीं माना जाता है।
किस दिन मंदिर की सफाई नहीं करनी चाहिए?
अगर आप रोजाना मंदिर की सफाई करते हैं तो सावधान हो जाइए। ऐसा करने से शुभ फल नहीं मिलता है। आपको बता दें कि गुरुवार एक ऐसा दिन है। किस दिन मंदिर की सफाई नहीं करनी चाहिए। इसके अलावा आपको एकादशी के दिन भूलकर भी मंदिर की सफाई नहीं करनी चाहिए। आप गुरुवार को छोड़कर अन्य दिन मंदिर की सफाई कर सकते हैं।
किस दिन करनी चाहिए मंदिर की सफाई?
आप हर दिन मंदिर की सफाई कर सकते हैं, लेकिन गुरुवार को ऐसा करने की गलती न करें। आपको खासतौर पर शनिवार के दिन मंदिर की साफ-सफाई करनी चाहिए। यह दिन साफ-सफाई के लिए बहुत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि शनिवार के दिन मंदिर की साफ-सफाई करने से आर्थिक परेशानियों से छुटकारा मिलता है। इसके अलावा गरीबी से मुक्ति मिलती है। इसलिए सफाई करते समय इस बात का ध्यान रखें। इसके अलावा हर महीने की अमावस्या के दिन भी मंदिर की साफ-सफाई की जा सकती है। साथ ही त्योहारों के दौरान साफ-सफाई भी होनी चाहिए. इससे जीवन में कभी भी धन संबंधी परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता।
मंदिर की सफाई कब और क्यों नहीं करनी चाहिए?
अगर आप मंदिर की सफाई कर रहे हैं तो ध्यान रखें कि आपको मंदिर की सफाई हमेशा दिन में ही करनी चाहिए। रात के समय मंदिर की सफाई करने से बचें। अन्यथा इससे देवी लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं। साथ ही शुभ फल भी नहीं मिलता है।