देहरा से मुख्यमंत्री सुक्खू की पत्नी कमलेश 557 मतों से पिछड़ी

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शिमला, 13 जुलाई (हि.स.)। हिमाचल की तीन विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव की मतगणना शनिवार सुबह आठ बजे शुरू हो गई। शुरूआती रूझानों में हॉट सीट देहरा में तीन राउंड की गिनती में भाजपा प्रत्याशी होशियार सिंह ने अपने निकटतम प्रतिद्वन्दी कांग्रेस की कमलेश ठाकुर पर 557 मतों की बढ़त बना ली है। देहरा सीट पर कांग्रेस ने मुख्यमंत्री सुक्खू की पत्नी को प्रत्याशी बनाया है, ऐसे में इस सीट पर सबकी नजरें लगी हैं। चुनाव आयोग के मुताबिक देहरा में मतगणना के कुल 10 राउंड होंगे। तीन राउंड की 9606 मतों की गिनती में भाजपा के होशियार सिंह को 4942 मत पड़े जबकि कांग्रेस की कमलेश ठाकुर को 4582 मत मिले। इस सीट पर पांच प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं।

हमीरपुर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी डॉक्टर पुष्पेंद्र वर्मा पहले राउंड में 200 मतों से आगे चल रहे हैं।

नालागढ़ सीट से अभी रूझान नहीं आये हैं।

देहरा विधानसभा क्षेत्र के लिए राजकीय महाविद्यालय ढलियारा, हमीरपुर के लिए वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला हमीरपुर और नालागढ विधानसभा हल्के के लिए मतगणना राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला नालागढ़ में मतगणना हो रही है। दोपहर तक चुनाव नतीजे घोषित होंगे।

तीनों विधानसभा क्षेत्रों में बीते 10 जुलाई को करीब 71 फीसदी मतदान हुआ था। नालागढ़ में सबसे ज्यादा और देहरा में कम मतदान दर्ज किया गया था।

तीन सीटों पर उपचुनाव में कुल 13 प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला होगा। देहरा और नालागढ़ में पांच-पांच जबकि हमीरपुर में तीन प्रत्याशी मैदान में हैं। देहरा में मुख्य मुकाबला मुख्यमंत्री की पत्नी और कांग्रेस प्रत्याशी कमलेश ठाकुर और भाजपा के होशियार सिंह के बीच है। हमीरपुर में कांग्रेस के पुष्पेंद्र वर्मा और भाजपा के आशीष शर्मा के बीच टक्कर है। उधर नालागढ़ विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के के.एल.ठाकुर और कांग्रेस के हरदीप सिंह बावा मैदान में हैं।

वर्ष 2022 में हुये विधानसभा चुनाव में इन तीनों सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत हासिल की थी, जबकि कांग्रेस दूसरे और भाजपा तीसरे स्थान पर रही थी। इसी साल मार्च महीने में निर्दलीय विधायकों द्वारा इस्तीफे देने के कारण इस सीटों पर उपचुनाव करवाया गया है। खास बात यह है कि इस्तीफा देने वाले तीनों निर्दलीय विधायकों ने इस बार भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ा है। इन सीटों पर हार व जीत से सतारूढ़ कांग्रेस सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा लेकिन ये उपचुनाव भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के लिये प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है।