लोग अक्सर अपने शरीर की ऊर्जा को बढ़ाने के लिए एनर्जी ड्रिंक्स का सहारा लेते हैं, लेकिन हाल ही में हुए शोध में पाया गया है कि ये ड्रिंक्स जानलेवा बीमारियों का कारण बन सकती हैं। इन ड्रिंक्स में अक्सर चीनी और कैफीन की मात्रा बहुत ज़्यादा होती है। डॉक्टरों का कहना है कि इससे अचानक दिल का दौरा पड़ने जैसी गंभीर समस्याएँ हो सकती हैं, जिसके लिए तुरंत इलाज की ज़रूरत होती है।
एक कप कॉफी में 100 मिलीग्राम कैफीन होता है, जबकि एनर्जी ड्रिंक में 80 मिलीग्राम से 300 मिलीग्राम कैफीन होता है। इनमें टॉरिन और ग्वाराना जैसे तत्व भी होते हैं, जिनके बारे में माना जाता है कि वे हृदय गति, रक्तचाप और हृदय के अन्य कार्यों को प्रभावित करते हैं।
144 मरीजों से डेटा एकत्र किया गया
अमेरिकी मेयो क्लीनिक के शोधकर्ताओं ने हार्ट अटैक से बचे 144 मरीजों के डेटा का अध्ययन किया। इनमें से 7 लोगों (20 से 42 साल की उम्र वाले) ने घटना से कुछ समय पहले एनर्जी ड्रिंक पी थी। इनमें से 6 लोगों को इलाज के लिए इलेक्ट्रिक शॉक दिया गया और एक को सीपीआर की जरूरत पड़ी।
विशेषज्ञ का बयान
इटली के मिलान में सेंटर फॉर कार्डिएक एरिदमियास ऑफ जेनेटिक ओरिजिन एंड लेबोरेटरी ऑफ कार्डियोवैस्कुलर जेनेटिक्स के पीटर श्वार्ट्ज ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि कुछ लोग कह सकते हैं कि यह महज एक संयोग है। हम और मेयो क्लिनिक दोनों जानते हैं कि अभी तक यह स्पष्ट रूप से साबित नहीं हुआ है कि एनर्जी ड्रिंक्स गंभीर हृदय रोग का कारण हैं, लेकिन इस पर आगे की जांच जरूरी है।
ऊर्जा पेय में मौजूद कैफीन और चीनी शरीर को कैसे प्रभावित करते हैं?
लंदन के फ्लीट स्ट्रीट क्लिनिक की डॉ. बेलिंडा ग्रिफिथ्स कहती हैं कि कैफीन दिल की धड़कन बढ़ाता है, दिमाग को तेज करता है और नींद को दूर भगाता है। कैफीन की थोड़ी मात्रा वयस्कों के लिए भी फायदेमंद हो सकती है। अध्ययनों से पता चलता है कि दिन में 2 या उससे अधिक कप कॉफी (कैफीन की मात्रा के आधार पर) दिल की बीमारी के लिए फायदेमंद हो सकती है। लेकिन, एनर्जी ड्रिंक्स में पाई जाने वाली रिफाइंड शुगर की मात्रा बिल्कुल भी सेहतमंद नहीं है। ग्रिफिथ्स कहती हैं कि हमें इससे बचना चाहिए। हमें खाने-पीने की चीजों से काफी शुगर मिलती है। इससे ब्लड शुगर बढ़ता है, थोड़े समय के लिए एनर्जी मिलती है और फिर अचानक गिरावट आती है, जिससे मूड खराब हो सकता है और आपको ज्यादा भूख लग सकती है।