संथाल परगना में आदिवासियों का अस्तित्व खतरे में : बाबूलाल मरांडी

पाकुड़, 11 जुलाई (हि.स.)। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने गुरुवार काे पाकुड़ में राज्य सरकार पर बड़ा निशाना साधा है। मरांडी ने कहा कि ठगबंधन सरकार की तुष्टीकरण नीति में घुसपैठियों को संरक्षण प्राप्त है। आदिवासी आबादी खतरे में है। ऐसा लगता है कुछ दिनो में अस्तित्व ही समाप्त हो जायेगा।

उन्होंने 1951 से लेकर 2011 तक हुई जनगणना रिपोर्ट को रखते हुए कहा कि यह भारत सरकार की सेंसस रिपोर्ट है, जो नरेन्द्र मोदी के सत्ता में आने से पहले की है। उन्होंने कहा कि आज जनसंख्या दिवस है और आंकड़े बताते हैं कि कैसे संथाल परगना में आदिवासियों की आबादी लगातार घट रही और मुस्लिम आबादी अप्रत्याशित ढंग से बढ़ रही है।

उन्होंने कहा कि 1951 में संथाल परगना में आदिवासी आबादी 44.67 प्रतिशत, मुस्लिम आबादी 9.44 प्रतिशत और सामान्य आबादी 45.91 प्रतिशत थी। आज 2011 की जनगणना रिपोर्ट को देखें तो मुस्लिम आबादी ढाई गुना वृद्धि के साथ 22.73 प्रतिशत हो गई जबकि आदिवासियों की आबादी 44.67 प्रतिशत से घटकर 28.11 प्रतिशत हो गई। यहीं पर सामान्य आबादी 45.9 प्रतिशत से 49.2 प्रतिशत तक ही बढ़ी।

उन्हाेंने कहा कि स्पष्ट है कि संथाल परगना में आदिवासियों की आबादी को लव जिहाद, लैंड जिहाद के नाम पर सुनियोजित तरीके से घटाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि साहेबगंज और पाकुड़ की स्थिति तो भयावह है। एक विधानसभा क्षेत्र में 50 हजार मतदाता बढ़ गए। लगभग 123 प्रतिशत की वृद्धि हुई। आखिर यह अप्रत्याशित वृद्धि कैसे हुई। भाजपा वोट बैंक की राजनीति नहीं करती । भाजपा देश के लिए राजनीति करती है। राष्ट्र प्रथम के संकल्प के साथ हम काम करते हैं।

उन्होंने कहा कि जब जनसंघ का गठन हुआ था, उसी समय से हम अनुच्छेद 370 का विरोध करते थे, भले हमारी राजनीतिक ताकत कम थी। हमने देश के मुद्दों पर कभी समझौता नहीं किया। उन्होंने कहा कि घुसपैठिए भी देश के विरोधी हैं। अनेक देशों ने घुसपैठियों को बाहर किया है। पाकिस्तान ने भी अफगानिस्तानियों को बाहर किया है भले वे मुस्लिम ही क्यों न हों।

उन्होंने कहा कि राज्य में घुसपैठ की समस्या को उच्च न्यायालय ने भी गंभीर माना है। सभी जिला उपायुक्तों को इस दिशा में कारवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार तुष्टीकरण छोड़ घुसपैठियों के खिलाफ सख्त कारवाई करे। उनका संरक्षण बंद करे।