संपत्ति अधिकार: जीजा जी कर सकते हैं साले की जमीन का बंटवारा; बंटवारे का कानूनी नियम समझें

झांसी। संपत्ति और जमीन का बंटवारा अक्सर विवाद का कारण बन जाता है। परिवार में संपत्ति का बंटवारा एक बड़ा मुद्दा बन जाता है। एक सवाल यह भी उठता है कि बेटियों को संपत्ति पर अधिकार है या नहीं। अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है और उसकी कोई वसीयत नहीं है तो संपत्ति का बंटवारा उसके बेटे और बेटी के बीच कैसे होगा। अगर बेटी शादीशुदा है तो क्या प्रक्रिया है।

बेटी का बराबर हिस्सा

इसका जवाब जानने के लिए हमने बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण के ओएसडी डॉ. लाल कृष्ण से बात की। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता के अनुसार, अविवाहित बेटियों और बेटों के बीच संपत्ति का बराबर बंटवारा होता है। अगर बेटी चाहे तो अपनी शादी के बाद अपनी संपत्ति का हिस्सा छोड़ सकती है। इसके लिए बेटी पर दबाव नहीं बनाया जा सकता।

सहमति बहुत महत्वपूर्ण है

डॉ. लाल कृष्ण ने बताया कि अगर बंटवारे से जुड़ा विवाद सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट यानी एसडीएम कोर्ट में पहुंचता है तो वहां उन सभी हिस्सेदारों की सहमति जरूरी है, जिनके नाम सरकारी दस्तावेज में लिखे हैं। इसमें बेटी और बहन की सहमति लेना भी जरूरी है। इसके बाद ही प्रक्रिया आगे बढ़ सकती है। कई कोर्ट के फैसलों में यह साफ किया गया है कि बेटी का भी संपत्ति में बराबर का हक है। किसी भी बंटवारे से पहले उनकी सहमति जरूरी है।