बेंचमार्क सूचकांक लगभग हर दिन नई ऊंचाई बनाते रहते हैं।
इसके बाद एक जोरदार बहस छिड़ गई है कि क्या शेयरों ने अपने फंडामेंटल से बेहतर प्रदर्शन किया है और क्या उन्हें इस मूल्यांकन पर कमाई जारी रखनी चाहिए या नहीं? हालाँकि, केवल समय ही बताएगा कि कमाई में संभावित वृद्धि निफ्टी 50 के मौजूदा मूल्यांकन के अनुरूप है या नहीं। वित्त वर्ष 2023-24 की कमाई पिछले पांच साल से करीब 25 गुना है। भारतीय उद्योगों में मुनाफा और शेयर की कीमतें साथ-साथ चली हैं। जो इस बात को पुष्ट करता है कि बाजार आय वृद्धि के गुलाम बन गए हैं। वित्त वर्ष 2022-23 और 2023-24 में निफ्टी की प्रॉफिट ग्रोथ अच्छी रही। लेकिन पिछले वर्षों में मुनाफ़ा वृद्धि तेज़ नहीं थी।
वित्त वर्ष 1918-19 और वित्त वर्ष 2023-24 के बीच निफ्टी-50 कंपनियों की कमाई 18 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़ी, जो इस अवधि के दौरान बाजार पूंजीकरण में वृद्धि को दर्शाती है। जिससे पता चलता है कि बाजार उचित वैल्यूएशन पर कारोबार कर रहा है। हालाँकि, वित्त वर्ष 2023-24 के लिए निफ्टी-प्रति-शेयर का आंकड़ा 989 रुपये है। यदि आर्डिंगन कंपाउंड 15 पर रहता है और मूल्यांकन भी मौजूदा स्तर पर रहता है, तो सूचकांक मार्च 2025 तक 26,000 पर कारोबार करेगा। बेशक विशेषज्ञों के पास आर्डिंगन की वृद्धि और मूल्यांकन के लिए अलग-अलग अनुमान हैं।