एनीमिया मुक्त भारत अभियान में देश में छत्तीसगढ़ प्रथम स्थान पर

रायपुर, 10 जुलाई (हि.स.)।केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आइएफए सप्लीमेंटेशन की रिपोर्ट जारी की है, जिसके अनुसार एनीमिया मुक्त भारत अभियान में देश में छत्तीसगढ़ प्रथम स्थान पर है।छत्तीसगढ़ के बाद दूसरे स्थान पर गोवा और तीसरे पर चंडीगढ़ है। इससे पहले देश में छत्तीसगढ़ का तीसरा स्थान था। जून-2022 तक राज्य छठवें स्थान पर था।

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार एनीमिया मुक्त भारत अभियान के तहत बच्चों, किशोरों, गर्भवती और शिशुवती महिलाओं को आइएफए (आयरन फोलिक एसिड) सप्लीमेंटेशन उपलब्ध कराने में प्रदेश पहले स्थान पर है।एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी डा. वीआर भगत ने बताया है कि एनीमिया मुक्त राज्य बनाने के लिए घर-घर स्वास्थ्य कर्मी पहुंच रहे हैं। बीमारी को लेकर जागरूकता अभियान भी चलाया जाता है।

उल्लेखनीय है कि अभियान के तहत छह माह से 19 वर्ष तक के बच्चों तथा गर्भवती व शिशुवती महिलाओं को आइएफए की खुराक दी जाती है। मितानिनों की ओर से छोटे बच्चों और गर्भवती व शिशुवती महिलाओं को सिरप और टेबलेट प्रदान किया जाता है। साथ ही स्कूलों में बच्चों को आइएफए की दवाइयां दी जाती हैं। जारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में छह माह से 59 माह के 74.10 प्रतिशत बच्चों को और छह वर्ष से नौ वर्ष के 91.60 प्रतिशत बच्चों को आइएफए सप्लीमेंटेशन दिया गया है। प्रदेश में इस दौरान दस वर्ष से 19 वर्ष के 87.70 प्रतिशत बच्चों व किशोरों और 95 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं और 84.40 प्रतिशत शिशुवती महिलाओं को आइएफए सप्लीमेंटेशन की खुराक दी गई है। इन सभी समूहों को मिलाकर प्रदेश में आइएफए सप्लीमेंटेशन का ओवरआल स्कोर 86.60 प्रतिशत है।