राजद जिलाध्यक्ष ने अपने निष्कासन पर उठाए सवाल, लगाए गंभीर आरोप

पलामू, 9 जुलाई (हि.स.)। राष्ट्रीय जनता दल के निवर्तमान जिलाध्यक्ष मोहन विश्वकर्मा ने अपने निष्कासन पर सवाल उठाते हुए पार्टी नेताओं और पलामू लोकसभा सीट से चुनाव लड़ी पार्टी उम्मीदवार ममता भुइयां पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मंगलवार को बाइपास रोड स्थित राजद के जिला कार्यालय में पत्रकारों से बात कर रहे थे।

उन्हाेंने कहा कि पार्टी के प्राथमिक सदस्य एवं जिलाध्यक्ष पद से हटाने से पहले वरीय नेताओं ने उनसे कोई सवाल जवाब नहीं किया और ना ही किसी तरह का स्पष्टीकरण पूछा गया। अचानक से उसे पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। यह राजद के संविधान के विरूद्ध है। इसके खिलाफ आवाज उठायी जायेगी। निर्वाचन आयोग के साथ साथ पटना हाईकोर्ट में न्याय के लिए जाने की बात कही गयी।
राष्ट्रीय जनतादल के प्रदेश अध्यक्ष संजय सिंह यादव एवं प्रधान महासचिव संजय प्रसाद यादव के निर्देशानुसार राजद के पलामू जिलाध्यक्ष मोहन विश्वकर्मा को सोमवार को पार्टी से छह वर्षों के लिए निष्कासित कर दिया गया है। मोहन पर पार्टी विरोधी कार्य करने एवं गोपनीयता भंग कर पार्टी की छवि धूमिल करने का आरोप है।

मोहन विश्वकर्मा ने कहा कि झारखंड में लोकसभा चुनाव के हार का कारण प्रदेश अध्यक्ष हैं। इस बात को ममता भुइयां भी अच्छी तरह से जानती है। लेकिन इसलिए नहीं बोल रहीं हैं, क्याेंकि उन्हें विधानसभा का टिकट चुनाव लड़ने के लिए प्रदेश अध्यक्ष द्वारा दिलाने की बात है। मोहन विश्वकर्मा ने प्रदेश अध्यक्ष पर यह भी आरोप लगाया कि चुनाव प्रचार में कहीं भी नहीं गए हैं। चुनाव के दौरान कार्यकारी अध्यक्ष तेजस्वी यादव चुनाव प्रचार में आए, इसमें भी प्रदेश अध्यक्ष नहीं गए थे।

उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश अध्यक्ष ने यह भी बोला था कि तुम्हें इस चुनाव में हराकर दिखाउंगा। यह भी बात कही कि लोकसभा का टिकट मोहन विश्वकर्मा के द्वारा दिलायी गयी थी। कहा कि तुम तो गोबर गोइठा करने वाली महिला हो। तुम्हे कैसे टिकट मिल गया? प्रदेश अध्यक्ष ने टिकट दिलाने के नाम पर कामेश्वर बैठा से पांच लाख रूपए लिया था, लेकिन टिकट नहीं मिलने के कारण उन्हें पांच लाख रूपए लौटाने पड़े। उन्होंने कहा कि नजारत में अभी भी लोकसभा चुनाव के 55 हजार खर्च का ब्यौरा नहीं दिया गया है। ममता भुइयां इस मामले को अबतक छुपाए हुए हैं।