पद्म भूषण से सम्मानित भारतीय पॉप गायिका उषा उथुप के सिर पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है, जिससे संगीत जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। गायिका के दूसरे पति जानी चाको उथुप का 78 वर्ष की आयु में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।
इस तरह चमकी उषा उथुप की किस्मत
आपको बता दें कि उषा उत्थुप म्यूजिक इंडस्ट्री का एक बड़ा नाम हैं। उनके मशहूर गाने आज भी लोगों को थिरकने पर मजबूर कर देते हैं. हालाँकि, यह सफलता उन्हें आसानी से नहीं मिली। इस नाम और शोहरत को हासिल करने के लिए उषा उत्थुप को जीवन में कई संघर्षों से गुजरना पड़ा है। ये तो सभी जानते हैं कि एक समय ऐसा भी था जब उषा को एक नाइट क्लब में गाना पड़ता था. महज 170 रुपये में गाना गाने वाली उषा उत्थुप की किस्मत रातों-रात आसमान छू गई और उन्हें भारत की पॉप सिंगर का खिताब मिल गया।
बचपन में आलोचनाओं का सामना करना पड़ा
उषा उत्थुप बचपन से ही गायिका बनने का सपना देखती थीं। हालाँकि, उनकी मोटी आवाज़ के कारण उन्हें काफी आलोचना का सामना करना पड़ा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उषा जब स्कूल में थीं तब उन्होंने एक म्यूजिक स्कूल ज्वाइन किया था। यह उनके जीवन का पहला संघर्ष था जब उनकी तेज़ आवाज़ के कारण उन्हें क्लास से बाहर निकाल दिया गया था। हालांकि, उषा ने हार नहीं मानी और फैसला किया कि वह अपना सपना पूरा करके रहेंगी।
नाइट क्लब से करियर की शुरुआत
एक इंटरव्यू में उषा उत्थुप ने कहा था कि उन्हें सिर्फ गाने में दिलचस्पी है. यही वजह थी कि उन्होंने नाइट क्लबों में गाना शुरू कर दिया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्हें नाइट क्लबों में गाने के लिए 750 रुपये मिलते थे। कहा जाता है कि उषा ने एक बार ओबेरॉय होटल में गाना गाया था. इस दौरान उन्होंने न सिर्फ मेहमानों बल्कि होटल के मालिक का भी दिल जीत लिया। यहां उनकी पहली मुलाकात दिग्गज अभिनेता शशि कपूर से हुई। एक्टर उषा की आवाज के इतने मुरीद हो गए कि उन्होंने तुरंत उन्हें फिल्मों में गाने का ऑफर दे दिया.
पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित
उषा उत्थुप ने 1970 की फिल्म ‘बॉम्बे टॉकीज’ में अंग्रेजी में एक गाना गाया था। यहीं से उन्हें सफलता मिलनी शुरू हुई जिसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उषा उथुप ने अपने करियर में दम मारो दम, डिस्को डांसर, हरे कृष्णा हरे राम, शालीमार और प्यारा दुश्मन जैसी कई फिल्मों में अपनी शानदार आवाज दी। वह अपनी कड़ी मेहनत से भारत की पॉप सिंगर बनीं। लोग उनकी भारी आवाज के दीवाने हो गए थे. संगीत उद्योग में उनके योगदान के लिए, उषा उथुप ने 2012 में सर्वश्रेष्ठ महिला गायिका का फिल्मफेयर पुरस्कार जीता। इसके अलावा पिछले साल उन्हें पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.